फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी कहलाती है. इस एकादशी का व्रत रखने से कार्यों में सफलता मिलती है. इस साल विजया एकादशी 27 फरवरी, रविवार के दिन है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन की गई भगवान विष्णु की उपासना से हर कामना पूरी होती है. साथ ही भयानक विपत्तियों से भी छुटकारा मिल जाता है. आइए जानते हैं कि विजया एकादशी शुभ मुहूर्त और क्या करें.
विजया एकादशी के दिन शुभ योग
पंचांग के मुताबिक फल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 फरवरी, सुबह 10 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी. जो कि 27 फरवरी सुबह 8 बजकर 12 मिनट तक रहेगी. विजया एकादशी का व्रत 27 फरवरी को रखा जाएगा. इस बार विजया एकादशी पर सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है. यह योग एकादशी के दिन 8 बजकर 49 मिनट से शुरू होगा, जो कि अगले दिन सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. धार्मिक मान्यता है कि सर्वार्थसिद्धि योग में किए गए व्रत से कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है. इसके अलावा इस दिन त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है. त्रिपुष्कर योग सुबह 8 बजकर 49 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. वहीं इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर 12 बजकर 57 मिनट तक है.
विजया एकादशी पर क्या करें
एक कलश पर भगवान श्री हरी की स्थापना करें. इसके बाद भगवान का पूजन करें. मांथे पर सफेद चंदन या गोपी चंदन लगाकर पूजन करें. भगवान को पंचामृत, पुष्प और ऋतु फल अर्पित करें. इस दिन उपवास करना अच्छा होता है. शाम के वक्त भगवान की आरती जरूर करें. अगले दिन सुबह उसी कलश का और अन्न वस्त्र आदि का दान करें. विजया एकादशी व्रत के दौरान दिन चावल और भारी खाद्य का सेवन ना करें. रात्रि के समय पूजा उपासना का विशेष महत्व होता है. क्रोध न करें, कम बोलें और आचरण पर नियंत्रण रखें.
खबर इनपुट एजेंसी से