मिर्जापुर l मध्यप्रदेश में एक ऐसा गांव हैं, जहां के लोगों का चोरी करने का पेशा है। ये लोग देश में घूम-घूमकर चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं।अकेले इस गांव के लोगों के ऊपर 1100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इस गांव का नाम कड़ियासासी गुलपेड़ी गांव है। इनको मध्यप्रदेश समेत कई प्रदेशों की पुलिस तलाश कर रही है।
जामताड़ा के बाद कड़ियासासी का नाम हुआ कुख्यात
झारखंड के जामताड़ा का नाम अभी तक साइबर क्राइम के रूप में कुख्यात रहा है। यहां के युवक ऑनलाइन ठगी के जरिए लोगों को चूना लगाते रहे हैं। इस गैंग में महिलाएं से लेकर बच्चे तक शामिल हैं, लेकिन अब मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के कड़ियासासी गुलपेड़ी गांव के लोग चोरी की घटनाओं को देश मे घूम-घूमकर अंजाम देते हैं । गैंग में बच्चों से लेकर महिलाएं तक शामिल हैं।
कड़ियासासी गांव की आबादी 2500 के करीब
अपर पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कड़ियासासी गांव की आबादी 2500 के करीब है और यह जनजाति के लोग हैं। वहां की बोड़ा थाने की पुलिस ने बताया कि इस गांव के लोगों का पेशा ही चोरी, छिनैती, लूट समेत अन्य अपराध करना है। गांव में बाकायदा बच्चों और महिलाओं को चोरी की ट्रेनिंग दी जाती है। बच्चों से चोरी करवाई जाती है तो महिलाएं रेकी का काम करती हैं।
पूरे देश मे देते हैं घटनाओं को अंजाम
ये लोग उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, बंगाल समेत पूरे देश में फैलकर घटनाओं को अंजाम देते है। वर्मा ने बताया कि इस गांव के लोगों को बकायदा चोरी करने की ट्रेनिंग दी जाती है। महिलाएं कपड़े आदि बेचने के बहाने क्षेत्र की रेकी करती हैं। बच्चे और नवयुवक शादियों, बैंकों, सेठों, बड़ी दुकानों, माल आदि में जगहों पर जाकर घटना को अंजाम देते हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब मिर्जापुर की पुलिस चोरों को पकड़ने कड़ियासासी गांव गई थी । वहां की लोकल पुलिस ने मिर्जापुर पुलिस को इस गांव के बारे में जानकारी दी थी।
खबर इनपुट एजेंसी से