नई दिल्ली | भारत में हर नागरिक के लिए आधार कार्ड एक बेहद जरूरी आइडेंटिफिकेशन नंबर है जिसके बिना कोई भी सरकार या जरूरी काम पूरा नहीं हो पाता है| आधार कार्ड पर हर नागरिक की पर्सनल जानकारी दी गई होती है| हाल ही में आधार से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है| एक सरकारी वेबसाइट में एक बग के कारण लाखों भारतीय किसानों का आधार डेटा ऑनलाइन लीक हो गया था। टेकक्रंच ने बताया कि सिक्योरिटी रिसर्चर्स अतुल नायर की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि वेबसाइट का एक हिस्सा इस योजना के तहत किसानों के आधार से जुड़े डिटेल्स का खुलासा कर रहा था।
110 मिलियन किसानों का डेटा लीक
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की एक पहल है जो देश के सभी किसानों को मिनिमम बेसिक इनकम ऑफर करती है। इस योजना के तहत लाभ का पेमेंट एनुअल किया जाता है और किसानों को सरकार की ओर से मिनिमम इनकम सपोर्ट के रूप में हर साल 6,000 रुपये तक मिलते हैं। अब, सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने कहा है कि पहल की वेबसाइट का एक हिस्सा किसानों के आधार नंबर लौटा रहा था। “पीएम किसान वेबसाइट अलग-अलग चार्ट और डेटा देखने के लिए एक डैशबोर्ड सुविधा ऑफर करती है। डैशबोर्ड में एक एंडपॉइंट क्षेत्र (राज्य, जिला, गांव) के आधार पर सभी किसानों के आधार नंबर लीक कर रहा था, ”उन्होंने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा।
नायर के मुताबिक, बग हैकर्स को योजना में किसानों से संबंधित सभी डेटा एकत्र करने में सक्षम बना सकता है, एक मूल स्क्रिप्ट लिखकर लाखों किसानों के पर्सनल डेटा को ऑनलाइन लीक कर सकता है। अब तक, प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि वेबसाइट पर 11 करोड़ से ज्यादा किसान प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड हैं। इसका मतलब है कि हमलावर 110 मिलियन से ज्यादा किसानों के पर्सनल डेटा को आसानी से एक्सेस कर सकते थे।
ये नया नहीं है इसे पहले से ही एक देखा जा चुका है। नायर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि उन्होंने पहली बार इस साल जनवरी में इस बग की खोज की जिसके बाद उन्होंने इसे भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम या Cert-In को इन्फॉर्म किया था। आखिरकार पिछले महीने बग को ठीक कर लिया गया था| हालांकि, ये ध्यान देने वाली बात ये है कि यह ऐसा पहली बार नहीं है जब भारतीय नागरिकों के आधार डिटेल्स ऑनलाइन लीक हुई हैं|