हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी में उपद्रवियों ने गुरुवार को जमकर तांडव मचाया. हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई, वहीं 300 से ज्यादा लोग जख्मी हैं. घायलों में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. हल्द्वानी हिंसा के मुख्य साजिशकर्ताओं में पहला नाम सामने आ गया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल मलिक ही मास्टरमाइंड है. अब्दुल का ही मलिक बगीचा पर कब्जा था, जहां पर अवैध निर्माण ढहाने प्रशासन की टीम गई थी.
अब्दुल मलिक फरार हो गया है. पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल मलिक पर NSA लगाने की तैयारी में हल्द्वानी पुलिस है. नैनीताल के एसएसपी ने बताया कि पुलिस कई और मुख्य साजिशकर्ताओं की तलाश कर रही है .पुलिस के रडार पर अब्दुल मलिक के साथ और कई साजिशकर्ता हैं. हिंसा के दौरान अब्दुल का जिसने भी साथ दिया, पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है.
पांच आरोपियों को पुलिस ने किया अरेस्ट
अभी तक पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमे अरशद और जावेद नाम के शख्स शामिल हैं. पुलिस ने आरोपियों पर आईपीसी की धारा 147 ,148, 307,332 ,333 ,353 सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. अब्दुल मलिक के फोन कॉल रिकॉर्ड्स और पुराना इतिहास पुलिस खंगालने में जुटी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक,अब्दुल का एक घर दिल्ली में भी है. हल्द्वानी शहर में हिंसा के बाद भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती है. दुकानें बंद हैं. शहर में कर्फ्यू है. कोई भी उपद्रव मचाते दिखा तो उसे देखते ही शूट करने के आदेश हैं. स्कूल-कॉलेज भी बंद हैं.
गुरुवार यानि 8 फरवरी को प्रशासन की टीम अवैध जमीन पर बने मदरसे और नमाज स्थल को धहाने गई थी. इस कार्रवाई के बाद उपद्रवियों ने पुलिस की टीम पर हमला बोल दिया. चारों ओर से पत्थरबाजी की जाने लगी. गाड़ियों में आग लगा दी गई. इसके बाद उपद्रवी थाने पहुंच गए और पेट्रोल बम से हमला कर दिया. इस पूरे मामले पर डीएम वंदना सिंह ने कहा कि थाने पर हमला कर अधिकारियों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई.
LIU के इनपुट पर पुलिस ने ध्यान नहीं दिया
ऐसा कहा जा रहा है कि Local Intelligence Unit ने हल्द्वानी प्रशासन को आगाह किया था. लेकिन, हल्द्वानी पुलिस ने इसकी अनदेखी की. LIU ने सुबह में अतिक्रमण हटाने को कहा था. हालांकि, LIU के इनपुट पर पुलिस ने ध्यान नहीं दिया. हल्द्वानी में हुई घटना की मजिस्ट्रीयल जांच का जिम्मा मंडलायुक्त दीपक रावत को दिया गया है. दीपक रावत को 15 दिनों के भीतर हल्द्वानी वनभूलपुरा में हुई घटना की निष्पक्ष जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.