भोपाल। मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि मप्र में नर्सिंग कॉलेजों में व्यक्त भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने के आदेश उच्च न्यायालय ने दिए हैं, लेकिन जिन अधिकारियों ने आंखें बंद करके और भारी भरकम रकम लेकर मान्यता दी है, उन अधिकारियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्यमंत्री के जमीन में गाड़ दूंगा और उलटा लटका दूंगा वाले डायलॉग टांय-टांय फिस्स नजर आ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा की नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता देने संबंधी नियम व निर्धारित मापदंड तय है, लेकिन नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम-2018 के प्रावधानों का उल्लंघन कर दो-दो कमरों वाले कॉलेजों को मान्यता का लायसेंस गरीबों को लूटने के लिए दिया है। मान्यता देने वाले अधिकारियेां ने न तो फिजिकल वेरिफिकेशन किया है और न ही मौके पर जाकर स्टाफ की जानकारी ली। नतीजनत उच्च न्यायालय को कार्रवाई करना पड़ी।
सरकार की अनदेखी पर उच्च न्यायालय को कार्रवाई करना पड़ी। सरकार की अनदेखी पर उच्च न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाई उसके बाद हडक़ंप तो मचा लेकिन वे अधिकारी बच गए, जिन्होंनके लाखों रुपए लेकर मान्यता दी और मिल बांटकर रकम डकार ली। उन्होंने कहा कि कई गरीब छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने जमीन गिरवी रखकर साहूकारों से रकम लेकर अपने बच्चों का एडमिशन कराया और फीस जमा की, उन कॉलेजों के बंद होने से उन छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।