संकट में फंसी अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियां पूरी तरह अपना ध्यान कर्ज को चुकाने पर लगा रही हैं. कंपनियों का फोकस है कि वह अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा पब्लिश की गई रिपोर्ट से हुए नुकसान की भरपाई कर सकें. अडानी ट्रांसमिशन कुछ हफ्तों में डेट रिफाइनेंसिंग को लेकर प्लान का ऐलान कर सकती है. कंपनी के एग्जीक्यूटिव ने मंगलवार को एक इन्वेस्टर कॉल में यह जानकारी दी. रॉयटर्स की रिपोर्ट से इस खबर की पुष्टि हुई है.
अडानी पोर्ट्स ने भी किया कर्ज का भुगतान
इस बीच अडानी समूह की एक अन्य लिस्टेड कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने 1,000 करोड़ रुपये चुकाने की अपनी योजना का ऐलान किया है. उसने यह भी ऐलान किया कि वह पहले से 1,500 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान कर चुकी है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अडानी ट्रांसमिशन के एग्जीक्यूटिव ने उसे आगे बताया कि उसकी कैपिटल खर्च के लिए अतिरिक्त कर्ज जुटाने की कोई योजना नहीं है, जो ऑपरेटिंग कैश इनफ्लो के द्वारा कवर होगी. हिंडनबर्ग की 24 जनवरी की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप अपना बचाव करने की कोशिशें कर रहा है, जिसमें ऑफशोर टैक्स हेवन और स्टॉक मैनुपुलेशन के अनुचित इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था.
अडानी ग्रुप की क्या है परेशानी?
अडानी ग्रुप समूह ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद कानूनी अनुपालन, संबंधित पक्ष लेनदेन और आंतरिक नियंत्रण से संबंधित मुद्दों के स्वतंत्र मूल्यांकन पर विचार कर रहा है. उसके बाद ग्रांट थॉर्नटन की नियुक्ति की खबर पहली बार आई है.
सूत्रों ने कहा कि ग्रांट थॉर्नटन को अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियों का स्वतंत्र ऑडिट करने के लिए काम पर रखा गया है. सूत्र ने नाम बताने से इनकार किया है क्योंकि कंपनी की हायारिंग को काफी गोपनीय रखा गया है. ईटी रिपोर्ट में सूत्रों के अनुसार ग्रांट थॉर्नटन यह देखेगा कि अडानी ग्रुप में रिलेटिड पार्टी ट्रांजेक्शन कॉर्पोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड का अनुपालन करते हैं या नहीं. ग्रांट थॉर्नटन और अडानी ग्रुप की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
अडानी ग्रुप ने कुछ दिन पहले निवेशकों को यह कहते हुए आश्वस्त करने की कोशिश की थी कि उसके पास मजबूत कैश फ्लो है, इसकी व्यावसायिक योजनाएं पूरी तरह से फुली फंडिड हैं.