अयोध्या: अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होकर दिव्य दर्शन दे रहे हैं. प्रभु राम की सेवा 5 वर्ष के बालक के रूप में पुजारी करते हैं. जैसे आम आदमी अपने बच्चों की सेवा करता है ठीक उसी प्रकार प्रभु राम की सेवा आराधना पुजारी करते हैं. प्रतिदिन प्रभु राम को भोग लगाया जाता है. नवीन वस्त्र धारण कराए जाते हैं. हर दिन अलग-अलग रंगों में अयोध्या के बालक राम नजर आते हैं. लेकिन क्या जानते हैं कि प्रभु राम जो वस्त्र धारण करते हैं अगले दिन उस वस्त्र का क्या होता है?
दरअसल, अयोध्या के प्रभु राम की सेवा-आराधना एक बालक रूप में की जा रही है. बच्चों की तरह उन्हें उठाया जाता है. श्रृंगार किया जाता है. साथ ही कई प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. ठंड और गर्मी के लिहाज से उनको वस्त्र धारण कराए जाते हैं. प्रतिदिन के हिसाब से अलग-अलग रंग के नवीन वस्त्र धारण कराए जाते हैं. यानी की हर दिन प्रभु श्रीराम नए कपड़े धारण कर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं.
पुराने वस्त्रों का क्या होता है?
श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि सालों से प्रभु राम को प्रतिदिन नए वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं. हर दिन अलग-अलग रंग के वस्त्र रामलला के लिए निर्धारित किए गए हैं. जब नए वस्त्र आ जाते हैं तो पुराने वस्त्र अलमारी में रख दिए जाते हैं या वितरित कर दिए जाते हैं. ठीक उसी तरह विराजमान होने के बाद प्रभु राम की भी सेवा आराधना भी ऐसे ही की जा रही है. इनको भी हर दिन अलग-अलग रंग के वस्त्र धारण कराए जाते हैं. इनके भी पुराने वस्त्र राम भक्तों में वितरित किए जाते हैं. इतना ही नहीं, कई भक्त ऐसे होते हैं जो अपने छोटे बच्चों के लिए प्रभु के वस्त्र ले जाते हैं. ताकि, प्रभु राम की कृपा उन पर बनी रहे.