रूस की समस्याएं वैगनर ग्रुप ने बढ़ा दी हैं. जी हां, वही वैगनर ग्रुप जो राष्ट्रपति पुतिन का सबसे खास और भरोसेमंद था. लेकिन ये बगावत कर गया. करीब 30 हजार लड़ाके खतरनाक हथियारों के साथ मॉस्को की तरफ बढ़ रहे हैं. क्रेमलिन की सुरक्षा में बड़े-बड़े टैंक भी तैनात हैं. रूस की जनता इस सबके बीच पिस रही है. रास्ते बंद कर दिए हैं. आम लोगों को घरों से बाहर निकलने को मना कर दिया गया है. लेकिन इसके पीछे कारण क्या है? यूक्रेन में सबसे ज्यादा बर्बरता अगर किसी ने की तो यही वैगनर ग्रुप के लड़ाके थे. जोकि रूस की प्राइवेट आर्मी है. लेकिन हम यहां पर कुछ कारणों के बारे में जानते हैं कि आखिरकार ऐसा वो क्यों कर रहे हैं?
वैगनर ग्रुप के चीफ हैं प्रिगोझिन येवगेनी. जिनके बारे में कहा जाता है कि ये पुतिन के दोस्त भी हैं. पुतिन की डिक्शनरी में कुछ लोगों के नाम हैं, जिनपर पर वो भरोसा करते हैं. येवगेनी उनमें से एक हैं. फिर भी वो बगावत का झंडा बुलंद कर रहे हैं. इतना ही नहीं उसने ऐलान किया है कि अगर उनको किसी ने रोका तो करारा जवाब देंगे. आखिर इतना गुस्सा क्यों? जानकारी के मुताबिक रूसी सेना वैगनर को मार देना चाहती थी. सेना ने इसके लिए पूरा प्लान तैयार किया था. प्रिगोझिन को इसके बारे में भनक लग गई थी. ये दावा और किसी का नहीं बल्कि वैगनर ग्रुप का ही था.
क्या पुतिन से नाराज हैं वैगनर चीफ?
इतने बड़े कदम का केवल ये कारण नहीं हो सकता. इसकी कुछ वजहें और भी हैं. वैगनर चीफ प्रिगोझिन येवगेनी बहुत अधिक महत्वाकांक्षी है. वो अपने आपको ताकतवर बनाने में लगातार कोशिशों में जुटा हुआ था. इनका ताकतवर होना रूसी सेना को रास नहीं आ रहा था. क्योंकि बगावत का डर सता रहा था. अगर सेना से ज्यादा शक्तिशाली ये प्राइवेट आर्मी हो जाएगी तो मॉस्को खतरे में आ जाता. रूस के रक्षा मंत्री हैं सर्गेई शोइगु. पुतिन के सबसे खास हैं. लेकिन इनकी येवगेनी से बिल्कुल नहीं पटती. दोनों के बीच गंभीर मतभेद हैं. बाखमुत जंग के दौरान वैगनर चीफ ने बार-बार सर्गेई शोइगु पर आरोप लगाए थे. कहा तो ये भी जाता है कि बाखमुत में वैगनर ग्रुप के ट्रेनिंग कैंप में मिसाइल हमला हुआ था. ये हमला यूक्रेन ने नहीं बल्कि रूसी सेना का ही था. हालांकि इसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है.
क्या सौतेला व्यवहार करता है रूस?
वैगनर ग्रुप का ये भी कहना है कि रूस उनके साथ सौतेला व्यवहार करता है. उनको जरूरत के मुताबिक कुछ नहीं मिलता. उनको हथियार नहीं दिए जाते. कई बार लड़ाकों को जंग के मैदान में मरने के लिए छोड़ दिया जाता है. येवगेनी ने अपनी नाराजगी कई बार पुतिन तक पहुंचाई मगर कोई फायदा नहीं हुआ. पुतिन ने कोई एक्शन नहीं लिया. अब वैगनर चीफ को भी ये लगने लगा था कि हमारी कोई अहमियत है ही नहीं. रूस सिर्फ हमारा इस्तेमाल कर रहा है. रूसी डिफेंस मिनिस्टर सर्गेई शोइगु की शिकायत भी पुतिन से की गई मगर कोई फायदा नहीं. अब उनको सिर्फ और सिर्फ एक ही विकल्प नजर आया वो था बगावत. वैगनर ग्रुप का कहना है कि यूक्रेन के साथ युद्ध में वैगनर ग्रुप को कोई क्रेडिट नहीं मिला. जबकि सबसे ज्यादा जान हमारे लड़कों ने गंवाई.
वैगनर ग्रुप से बातचीत के लिए परेशान रूसी प्रशासन
अब रूस का प्रशासन घबरा गया है. क्योंकि एक तरफ तो यूक्रेन से युद्ध छिड़ा हुआ है. अगर ऐसा हुआ तो पुतिन की हार तय हो जाएगी. पुतिन प्रशासन वैगनर ग्रुप से बातचीत करने की पूरी कोशिश कर रहा है. इसके लिए वो सभी अधिकारी लगे हुए हैं जिनसे वैगनर ग्रुप की डील होती थी. हथियार सप्लाई करने वाले जनरल, खुफिया एजेंसी FSB और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी हर रोज वैगनर ग्रुप के साथ डील करते हैं. वो उनसे बात करने की कोशिश कर रहे हैं. वैगनर ग्रुप को बार बार पुतिन के नाम की दुहाई दी जा रही है. उनसे कहा जा रहा है कि पुतिन के खातिर बगावत बंद कर दें. वैगनर से रूसी अथॉरिटी बार-बार यह अपील कर रहे हैं कि वो बात करें. उनकी हर बात मानी जाएगी.
रूस के खिलाफ जंग का ऐलान
वैगनर चीफ रूस के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. रोस्टोव के कई अहम ठिकानों पर लड़ाकों ने कब्जा कर लिया है. वो तेजी से मॉस्को की तरफ बढ़ता जा रहा है. वैगनर ग्रुप के लड़ाकों ने रूसी सेना के दो हेलीकॉप्टर को मार गिराने का दावा किया है. एक क्रू मेंबर के भी मारे जाने की खबर है. प्रिगोझिन ने रूस को बड़ी धमकी दी है. वैगनर लड़ाके मॉस्को पर चढ़ाई करने जा रहे हैं. प्रिगोझिन का कहना है कि जो रोकेगा उसे बर्बाद कर देंगे. वैगनर चीफ का कहना है कि हम सभी जान दे देंगे. प्रिगोझिन का आरोप है कि रूसी सेना ने ही कैंप पर हमला किया था. रूसी सेना को हमले के लिए सजा देंगे.