नई दिल्ली: जेट प्लेन का फ्यूल टैंक आमतौर पर उन जगहों पर रखा जाता है, जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं होगी. अगर हम आपको बताएं कि जेट प्लेन का फ्यूल टैंक कहां होता है, तो आप भी हैरान रह जाएंगे. आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. यहां जानें कहां-कहां होते हैं जेट प्लेन में फ्यूल टैंक:
विंग्स (पंखों) में फ्यूल टैंक
जेट प्लेन के फ्यूल का बड़ा हिस्सा पंखों के अंदर मौजूद टैंकों में रखा जाता है. पंखों में फ्यूल रखने का एक मुख्य कारण यह है कि इससे विमान का वजन समान रूप से संतुलित रहता है. यह प्लेन को स्थिर रखने में भी मदद करता है और उड़ान के दौरान वायु प्रतिरोध को कम करता है.
फ्यूसेलाज (मूल ढांचा) में फ्यूल टैंक
कुछ जेट विमानों में फ्यूसेलाज, यानी प्लेन के मुख्य ढांचे में भी फ्यूल टैंक होते हैं. यह टैंक विशेष रूप से लंबी दूरी की उड़ानों के लिए होते हैं, जहां अधिक फ्यूल की आवश्यकता होती है. फ्यूसेलाज टैंक विमान के पिछले हिस्से या बीच में स्थित होते हैं.
इन-टू-इन विंग फ्यूलिंग सिस्टम
आधुनिक जेट विमानों में “इन-टू-इन विंग फ्यूलिंग सिस्टम” का उपयोग होता है, जिसमें दोनों पंखों के बीच फ्यूल का फ्लो संभव होता हैफ्यूसेलाज इससे विमान का संतुलन बेहतर रहता है और उड़ान के दौरान पंखों में फ्यूल का डिस्ट्रीब्यूशन संतुलित रहता है.
अतिरिक्त टैंक (ऑक्सिलरी फ्यूल टैंक)
यदि किसी प्लेन को अतिरिक्त लंबी दूरी की उड़ान भरनी होती है, तो उसमें विशेष रूप से बनाए गए एक्स्ट्रा फ्यूल टैंक भी लगाए जा सकते हैं. ये टैंक स्यूसेलाज में या प्लेन के विशेष हिस्सों में लगाए जा सकते हैं.
विशेष ध्यान
इन फ्यूल टैंकों का डिज़ाइन और स्थान प्लेन के संतुलन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाए जाते हैं. पंखों में फ्यूल रखने से प्लेन की स्थिरता बढ़ती है, और आपात स्थिति में फ्यूल को सुरक्षित तरीके से निकालने में भी सहूलियत होती है. इस तरह, जेट प्लेन का फ्यूल टैंक सिर्फ एक जगह नहीं बल्कि कई जगहों पर होता है, जो इसकी उड़ान और सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है.