नई दिल्ली: भारत ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता दिए जाने का तीखा विरोध किया है. भारत ने एडीबी संसाधनों के संभावित दुरुपयोग को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है. भारत ने विशेष रूप से पाकिस्तान के बढ़ते रक्षा खर्च, घटते कर-जीडीपी अनुपात और व्यापक आर्थिक सुधारों की धीमी प्रगति का हवाला देते हुए यह विरोध जताया है.
भारत ने एडीबी को यह स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को दिए जाने वाले फंड्स का इस्तेमाल आर्थिक सुधारों की बजाय रक्षा खर्च बढ़ाने में हो सकता है, जिससे संसाधनों का गलत इस्तेमाल होगा. विरोध में भारत की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान में जीडीपी के अनुपात में कर संग्रह 2018 में 13 प्रतिशत से घटकर 2023 में केवल 9.2 प्रतिशत रह गया है, जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का औसत 19 प्रतिशत है. इसके विपरीत, इस अवधि में पाकिस्तान का रक्षा बजट लगातार बढ़ा है.
पहले IMF तो अब इससे पाक ने मांगी भीख
भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सरकार की प्राथमिकताओं में आर्थिक सुधारों से अधिक सेना का प्रभाव है. पाकिस्तान की सेना अब देश की विशेष निवेश सुविधा परिषद में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है, जो आर्थिक मामलों में सैन्य हस्तक्षेप को दर्शाता है. भारत का कहना है कि इस प्रकार की शासन व्यवस्था न केवल आर्थिक अस्थिरता बढ़ाती है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करती है.
भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि अतीत में एडीबी और आईएमएफ द्वारा चलाए गए कार्यक्रम प्रभावी रहे होते, तो पाकिस्तान को बार-बार बेलआउट पैकेज की आवश्यकता नहीं पड़ती. इससे इन कार्यक्रमों की प्रभावशीलता और निगरानी पर भी सवाल खड़े होते हैं.
पाकिस्तान के आतंक के चेहरे को किया बेनकाब
इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान की सीमापार आतंकवाद की नीति और FATF की सिफारिशों के क्रियान्वयन में कमजोर प्रगति को भी उजागर किया. भारत ने एडीबी से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और उसके खराब ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरते और यह सुनिश्चित करे कि उसकी वित्तीय सहायता का दुरुपयोग न हो. भारत ने एडीबी से अपील की है कि वह फंडिंग को “रिंग-फेंस” करे और पाकिस्तान की बाहरी ऋण निर्भरता के चलते उत्पन्न दीर्घकालिक जोखिमों से अपने वित्तीय स्वास्थ्य की रक्षा करे.
पाक को मिली 668 करोड़ की भीख
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत के विरोध को नजरअंदाज करके पाकिस्तान को एक बार फिर 668 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूदी दी है. ADB ने पाकिस्तान को ये राशि राजकोषीय स्थिति को बेहतर करने और साार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए दी है.