नई दिल्ली: सनातन धर्म को लेकर चल रहे विवाद के बीच कॉन्ग्रेस एक और विवाद में फँस गई है। इंडी एलायंस के नेताओं की तरफ से हो रही सनातन और हिंदू धर्म के खिलाफ बयानबाजी के बीच कर्नाटक के कॉन्ग्रेसी सीएम सिद्दारमैया का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो तिलक लगाने से इनकार करते दिख रहे हैं। इन वीडियो को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कॉन्ग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए इसे ‘वोट बैंक’ और ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति करार दिया है।
सिद्दारमैया का वीडियो शेयर करते हुए भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कॉन्ग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि I.N.D.I. गठबंधन के लोग हिंदू धर्म पर चोट करके सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो हैदराबाद में कॉन्ग्रेस की कार्य समिति की बैठक के दौरान का है। वीडियो में देखा जा सकता है कि वहाँ एक महिला पारंपरिक साड़ी पहने हुए कॉन्ग्रेसी नेताओं का स्वागत कर रही थी। महिला तिलक लगाकर और आरती करके उनका स्वागत कर रही है, लेकिन सिद्दारमैया जब आते हैं और वो महिला उन्हें तिलक लगाने के लिए आगे बढ़ती है, तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री उसे हाथ से इशारा करके रुकने का संकेत करते हैं।
इसके बाद महिला आरती के लिए आगे बढ़ती है, तब भी मना कर देते हैं। वीडियो में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी सिद्दारमैया के साथ खड़े दिख रहे हैं। हाल-फिलहाल ये दूसरा मौका है, जब I.N.D.I. गठबंधन के नेता तिलक लगाने से इनकार करते दिखे। कुछ दिनों पहले मुंबई में इस गठबंधन की बैठक के दौरान टीएमसी की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी तिलक लगाने से इनकार कर दिया था।
भाजपा ने बोला कॉन्ग्रेस पर करारा हमला
इस वीडियो को शेयर करते हुए भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने करारा हमला बोला। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “ममता दीदी के बाद, अब सिद्दारमैया ने तिलक लगाने से इनकार कर दिया। टोपी लगाना ठीक है, लेकिन तिलक लगाना ठीक नहीं है?”
पूनावाल ने कहा कि इस गठबंधन की मुंबई बैठक के दौरान ही हिंदुओं और सनातन धर्म को निशाना बनाने का फैसला किया गया था। उन्होंने लिखा, “उदयनिधि स्टालिन से लेकर ए राजा, जी परमेश्वर से प्रियांक खड़गे तक, राजद से लेकर सपा तक – रणनीति है ‘करो हिंदू आस्था पे चोट” और वोटबैंक का वोट लो’।”
बता दें कि इंडी गठबंधन के मुंबई बैठक के बाद से इस गठबंधन के नेताओं की ओर से हिंदू धर्म और सनातन परंपरा पर हमले अचानक बढ़ गए हैं। दक्षिण में डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के बाद एनसीपी नेता से लेकर राजद नेता तक हिंदू धर्म और सनातन के खिलाफ विवादास्पद बयानबाजी कर रहे हैं।