नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जंग जारी है। वहीं इजरायल भी युद्ध के मैदान में खड़ा है। रूस-यूक्रेन की बात करें तो बीते कुछ दिनों में दोनों देशों के बीच हमले तेज हुए हैं। जारी युद्ध के बीच रूस की पुतिन सरकार ने परमाणु नीति लागू कर दी है, जिससे दुनिया कांप उठेगी। परमाणु नीति के बाद दुनिया को काफी नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, राष्ट्रपति बाइडेन ने रूस के खिलाफ यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल छोड़ने की इजाजत दे दी। इसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किया।
सबसे पहले जानते हैं कि रूस की परमाणु नीति क्या है, जिससे दुनियाभर में हड़कंप मच गया है। रूस की परमाणु नीति की खासियत ये है कि अगर किसी न्यूक्लियर पावर देश की ओर से रूस के ऊपर हमला किया जाता है, तो पुतिन सरकार परमाणु हमला करने पर विचार कर सकती है। रूस के ऊपर अगर कोई पारंपरिक मिसाइलों, ड्रोन और अन्य विमानों से भी हमला करता है, तो ये भी जवाबी कारर्वाई में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के दायरे में आएगा।
100 बार सोचने के बाद भी रूस पर हमला करने से कापेंगे देश
यही वजह है कि अब पश्चिमी देशों को रूस पर हमला करने से पहले सोचना होगा। क्योंकि अगर उसके ऊपर हमला होता है तो रूस सरकार इसका जवाब जरूर देगी, जिससे भयानक विश्व युद्ध की स्थिति बन सकती है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने TASS को बताया, “ये परमाणु नीति में नए संशोधन व्यावहारिक रूप से तैयार किए जा चुके हैं और अब जरूरत के अनुसार औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।”
रूस की परमाणु नीति को लेकर जिस तरह से हड़कंप मचा हुआ है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर परमाणु हमला होता है तो यह कितना खतरनाक होता है। इसे लेकर जब AI से सवाल किया गया कि परमाणु हमला कितना खतरनाक हो सकता है, तो इसका जवाब चौंकाने वाला है।
परमाणु हमले का कैसा होगा असर?
जानमाल की होगी भारी क्षति: परमाणु हमले से ना केवल जानमाल की भारी क्षति होती है, बल्कि इसके विनाशकारी प्रभाव भी होते हैं, जो लंबे समय के लिए असर छोड़ जाते हैं।
विस्फोट के केंद्र में बनेगा आग का विशाल गोला: न्यूक्लियर हमले के तुरंत बाद, विस्फोट के केंद्र में एक भारी आग का गोला बनेगा, जो आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से नष्ट कर देगा। इसके बाद, विकिरण और रेडियोधर्मी पदार्थ फैलने लगेगा, जो आसपास के क्षेत्र में जान-माल को नुकसान पहुंचाएगा।
अर्थिक संकट की बनेगी स्थिति: परमाणु हमले के परिणामस्वरूप, बड़े पैमाने पर गंभीर आर्थिक संकट पैदा हो सकती है। इसके साथ ही व्यापार और वाणिज्य पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा। वातावरण को भी पहुंचेगा नुकसान: इसके अलावा, परमाणु हमले से दुनिया भर में पर्यावरण पर भी काफी गहरा असर पड़ेगा। विस्फोट के बाद विकिरण और रेडियोधर्मी पदार्थों के फैलने से जलवायु परिवर्तन, मौसम में बदलाव, और जैव विविधता में कमी आ सकती है।
देशों में बढ़ सकता है तनाव: हमले के बाद कई देशों में सामाजिक और राजनीतिक तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। इसकी वजह से दुनिया भर में अशांति और अस्थिरता का माहौल बनेगा। 5 करोड़ लोगों की हो सकती है मौत: परमाणु हमले के परिणामस्वरूप होने वाली मौतों की संख्या कई कारकों पर निर्भर करती है। इन कारकों में परमाणु बम की शक्ति, हमले वाली जगह, और हमले का समय शामिल है। एक छोटे परमाणु बम (10 किलोटन) के हमले से लगभग 10,000 से 50,000 लोगों की मौत हो सकती है।
एक 100 किलोटन के परमाणु बम के हमले से लगभग 100,000 से 500,000 लोगों की मौत हो सकती है।
1 मेगाटन के परमाणु बम के हमले से लगभग 1 मिलियन से 5 मिलियन लोगों की मौत हो सकती है।
10 मेगाटन के परमाणु बम के हमले से लगभग 10 मिलियन से 50 मिलियन लोगों की मौत हो सकती है।
हालांकि, ये आंकड़े तो केवल एक अनुमान हैं। वास्तविक संख्या और प्रभाव कम या ज्यादा भी हो सकते हैं। यह हमले के स्थान, समय, और अन्य कारकों पर निर्भर करती है। ध्यान देने वाली बात ये है कि परमाणु हमले का असर कई महीनों या कई सालों तक रहता है। वहीं इससे होने वाली मौत भी केवल कुछ घंटे, दिन या कुछ महीनों के नहीं होते। परमाणु हमले के असर से कई सालों बाद भी मौत हो सकती है।