लखनऊ l सरकार कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों से पल्ला झाड़ रही है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने भी राज्यसभा में कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। सरकार के इन दावों की पोल खुद गंगा किनारे दफ़न मृतकों के शव कर रहे हैं। बाढ़ के कारण उत्तरप्रदेश में कोरोना काल के दौरान रेत में दफनाए गए शव बाहर निकल आए और नदी किनारे उनका अंबार लग गया।
लगातार हो रहे बारिश की वजह से उत्तरप्रदेश में गंगा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। तेजी से बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा के किनारे में कटान भी हो रही है। बीते शुक्रवार को कटान की वजह से प्रयागराज के गंगा घाट पर रेत में दफनाए गए शव बड़ी संख्या में कब्रों से बाहर निकाले गए और उनका अंतिम संस्कार किया गया।
शुक्रवार को प्रयागराज के फाफामऊ घाट पर कटान की वजह से करीब 60 शव कब्र से बाहर निकाले गए और उनका अंतिम संस्कार किया गया। रात नौ बजे सभी शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। शुक्रवार को निकाले गए 60 शवों के साथ अबतक करीब 300 से अधिक शवों को कब्रों से निकाल कर उसका अंतिम संस्कार किया गया है।
गंगा किनारे हो रहे कटान की वजह से प्रयागराज के फाफामऊ घाट पर निगरानी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों के अनुसार घाट पर कटान बढ़ने की वजह से और भी शव बाहर आ सकते हैं इसलिए निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रशासन की तरफ से शवों को नदी में बहने से रोकने के लिए करीब 30 से अधिक मजदूर लगाने पड़े हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा था कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्र सरकार को कोरोना के मामले और इसकी वजह से हुई मौत की संख्या के बारे में जानकारी देते हैं। लेकिन किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी व्यक्ति के मौत की जानकारी नहीं दी है।
खबर इनपुट एजेंसी से