नई दिल्ली: हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर चर्चा तेज है। सीएम कौन बन सकता है, इसे लेकर कई नाम चर्चा में हैं और अटकलें लग रही हैं। तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने वाले 10 सांसदों ने संसद से इस्तीफा दे दिया। इनके त्यागपत्र के बाद मुख्यमंत्री पद की रेस अब ज्यादा दिलचस्प हो गई है। इनमें से कोई सीएम भी बन सकता है। बता दें कि भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित 12 सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाया था। इनमें से गणेश सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते को छोड़कर 10 सांसद विधानसभा पहुंचे हैं।
बुधवार को पीएम से मिले इस्तीफा देने वाले सांसद
इस्तीफा देने वालों में सांसदों में मध्य प्रदेश के राकेश सिंह, प्रह्लाद पटेल, रिति पाठक और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। जबकि राजस्थान से किरोड़ीमल मीणा, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ विधायक बन गए हैं। छत्तीसगढ़ से अरुण साव और गोमती साई ने चुनाव जीता है। इनमें से किरोड़ीमल मीणा राज्यसभा सदस्य थे। ये नवनिर्वाचित सभी नेता बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। पीएम से मुलाकात के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।
एमपी में शिवराज, राजस्थान में वसुंधरा रेस में आगे
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं। छत्तीसगढ़ में सीएम चेहरे के लिए भाजपा किसी नए चेहरे को आगे कर सकती है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में सीएम पद के लिए भाजपा किस नेता का चुनाव करती है, यह देखने वाली बात होगी। क्योंकि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भगवा पार्टी को प्रचंड जीत हासिल हुई है। वैसे चुनाव में शिवराज को सीएम चेहरे के रूप में पेश तो नहीं किया गया था लेकिन इस भारी जीत के बाद उनकी दावेदारी को नजरंदाज करना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।
अपने निर्णयों से हमेशा चौकाती रही है भाजपा
राजस्थान में वसुंधरा दो बार सीएम रह चुकी हैं। उनके पास सरकार चलाने का बड़ा अनुभव है। चुनाव के दौरान एवं परिणाम आने के बाद से वे अपने लिए लॉबिंग करती दिखी हैं। जीते विधायकों के साथ उनकी मुलाकात को अपने पक्ष में माहौल बनाने के रूप में देखा गया। बहरहाल, सीएम के लिए कोई चेहरा घोषित नहीं करने से भाजपा के पास विकल्प खुला हुआ है। समझा जाता है कि लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी एवं जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए भाजपा सीएम पद के लिए चेहरों का फैसला करेगी। वैसे सीएम चेहरे की चुनाव की जहां तक बात है तो इस मामले में भाजपा हमेशा से चौंकाती रही है।