हरिद्वार : नए शिक्षण सत्र में स्कूल खुलते ही अभिभावकों को महंगाई का झटका लग रहा है। प्राइवेट स्कूल फीस से लेकर स्कूल बसों-वैनों के किरायो में इजाफे के बाद अब स्टेशनरी के दामों में भी उछाल आ गया है। ऐसे में अभिभावकों की जेब जमकर ढीली हो रही है। अभिभावक महंगाई से परेशान हैं, तो दुकानदारों का कहना है कि उन्हें भी सामान महंगा मिल रहा है।
कॉपी समेत अन्य स्टेशनरी का सामान महंगा हो गया है। कॉपी, कलम, पेंसिल आदि सामग्री बाजारों में बढ़े दामों पर बिक रही हैं। दाम बढ़ाने के बावजूद कंपनियों ने कॉपियों के पन्ने भी घटा दिए हैं। कॉपियों के दाम 25 से 37 फीसदी तक बढ़े हैं। जो कॉपी बाजार में 20 रुपये की मिल रही है उसके पन्ने घट गए हैं। पहले 80 पन्ने आते थे, अब 68 पन्ने मिल रहे हैं।
जो कॉपी 40 रुपये की मिल रही है, उसके पन्ने भी घट गए हैं। पहले 160 पन्ने मिलते थे, अब 144 पन्ने मिल रहे हैं। पेन के दामों में भी 40 से 50 फीसदी तक इजाफा हुआ है। 10 पेंसिल के बॉक्स के दाम 16 से 20 फीसदी, ज्योमेट्री बॉक्स के दाम 28 फीसदी, फाइल के दाम 66 फीसदी, टेप के दाम 30 फीसदी और ए4 रिम के दामों में 36 से 38 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। साथ ही लेटर पैड के दाम 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दामों में बढ़ोतरी की गई है।
बोतल, लंच बॉक्स भी महंगा: बच्चों के स्कूली बैग, पानी की बोतल, लंच बॉक्स पर जीएसटी 28 फीसदी लगती है। पहले इन वस्तुओं पर पांच फीसद वैट लगता है। तीन सौ रुपये मिलने वाला बैग 400 रुपये तक मिल रहा है। 150 रुपये वाली पानी की बोतल 200 रुपये की हो गई है। 200 रुपये का लंच बॉक्स 250 रुपये का मिल रहा है।
कागज की कमी से भी दिक्कत: जहां एक तरफ कागज के दाम बढ़ गए हैं, वहीं खपत के अनुपात में कागज की आपूर्ति नहीं हो पा रही हैं। इस कारण बाजारों में कागज की कमी बनी हुई है। कंपनी के स्तर पर ही दामों में इजाफा किया गया है।
कागज के दाम बढ़ने का भी पड़ा असर
प्लास्टिक के उत्पादों पर प्रतिबंध के बाद कागज से बने उत्पादों की मांग बढ़ गई है। इस कारण भी कॉपियों और इससे जुड़ी सामग्री महंगी हो गई हैं। कागज के दाम में औसतन 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। कंपनियों ने कॉपियों की एमआरपी पर 37 फीसदी तक इजाफा किया है।