नई दिल्ली l बिहार के औरंगाबाद जिले में एक ऐसी खेती की जा रही है जिसे सुनकर शायद हर कोई चौंक जाए. यहां दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में एक की खेती शुरू गई है. और इस सब्जी का नाम ‘हॉप शूट्स’ है.
दरअसल, भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सुप्रिया साहू ने एक ट्वीट किया है जिसमें किसान अमरेश सिंह और इनके द्वारा की जा रही खेती का जिक्र एक रिपोर्ट में किया गया है. यह दुनिया की सबसे महंगी सब्जी की खेती है. इसकी कीमत तकरीबन 1 लाख रुपये प्रति किलो है.
बिहार के औरंगाबाद जिले में रहने वाले अमरेश सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत के बाद अपने खेत में महंगी सब्जी हॉप शूट्स की खेती की है. हॉप शूट्स की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत आज से कई साल पहले लगभग एक लाख रुपये के आसपास थी. पेशे से किसान अमरेश सिंह ने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. लाल की देखरेख में इसकी ट्रायल खेती शुरू की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामकिशोरी लाल ने किसान अमरेश सिंह को हॉप शूट्स सब्जी की पैदावार करने की सलाह दी. हिमाचल प्रदेश से इसके पौधे मंगवाए गए और हॉप शूट्स की खेती शुरू की गई. अमरेश ने दो महीने पहले इसका पौधा लगाया गया था, जो अब धीरे-धीरे बड़ा हो रहा है. हॉप शूट्स का इस्तेमाल बीयर और एंटीबायोटिक दवाओं को बनाने में होता है. साथ ही टीवी के इलाज में भी ये काफी कारगर साबित होता है. इसका इस्तेमाल करने से त्वचा चमकदार होती है और झुर्रियां नहीं पड़ती.
इस खेती के लिए अमरेश ने राज्य के कृषि विभाग से अनुरोध किया था जिसे विभाग ने मान लिया. अगर अमरेश कुमार इस सब्जी की खेती करने में कामयाब हो जाते हैं तो बिहार के किसान उम्मीद से कहीं ज़्यादा कमाई कर अपनी किस्मत पलट सकते हैं. सफल किसान हैं अमरेश: बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले अमरेश सिंह एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनके पिता किसान हैं. 12वीं तक की पढ़ाई के बाद अमरेश ने खेती को ही अपना करियर बना लिया. 40 साल के अमरेश की गिनती देश के प्रगतिशील किसानों में होती है, सैकड़ों किसानों को वे ट्रेंड कर चुके हैं.
अमरेश की देखरेख में तमाम किसान खेती कर रहे हैं, राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें कई सम्मान भी मिल चुके हैं. अमरेश शुरुआत में पारंपरिक खेती करते थे, बाद में उन्होंने सब्जियों की भी खेती की, लेकिन उन्हें इसमें ज्यादा कमाई नहीं हुई. इसके बाद अमरेश ने लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्लांट्स (CSIR) से मेडिसिनल प्लांट की खेती की ट्रेनिंग ली और गांव लौटकर चार एकड़ जमीन पर इसकी खेती शुरू कर दी. यहीं से अमरेश का सफर शुरू हुआ और वे देखते ही देखते बहुत आगे निकल गए.
अमरेश मेंथा, लेमन ग्रास, पामारोजा, सिट्रोनोला, तुलसी और सेब आदि की खेती करते रहे हैं. और अब अमरेश ने हॉप शूट्स की खेती शुरू करके इतिहास रच दिया. इतना ही नहीं अमरेश ने एक बार सेब की ऐसी प्रजाति की खेती बिहार में कर डाली थी जो सिर्फ ठंडे प्रदेशों जैसे कि कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में होती थी.
अमरेश ने एक बार बताया था कि बिहार के किसान धान गेहूं आदि की खेती को करने के साथ-साथ अपने कुछ जमीन पर ही अगर इस तरह की खेती करना शुरू करें तो वे आत्मनिर्भर बनेंगे तथा साथ ही उनकी आमदनी भी काफी बढ़ेगी. अमरेश किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से अपने खेत को दिखाते हैं ताकि उनका विकास हो सके. उन्हें वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के गुर भी बताते हैं.