नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में 16 बार चुनाव लड़कर हारने का रिकॉर्ड बना चुके शिवकुमार अब 73 वर्ष की उम्र में 17वीं बार लोकसभा प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं. आज उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना पर्चा दाखिल किया है. उन्होंने हरदोई सदर सीट से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है. उनका कहना है कि जनता उनको हर बार बढ़-चढ़कर मत देती है. उनका सम्मान रखती है. अगर मौका दिया तो जनता के लिए बहुत कुछ करेंगे. वह आज भी जीतने की ही बात करते हैं, जिंदगी के अंतिम पड़ाव में चुनाव लड़ने की ललक शिवकुमार में अब भी बरकरार है.
लोकसभा के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में हरदोई सदर से नामांकन कर रहे शिवकुमार शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले हैं. इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे. क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है. इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे.
हर बार निर्दलीय चुनाव लड़ा
शिवकुमार ने हर बार निर्दलीय चुनाव लड़ा है. शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव, 3 जिला पंचायत के साथ 7 विधानसभा चुनाव और अब तक 3 लोकसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई है. लेकिन हर बार शिवकुमार को हार ही मिली है.वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या हैं, अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे.
कहते हैं कि अगर जीवन में कोई भी चीज अगर जुनून बन जाए तो उसे छोड़ना मुश्किल होता है. हरदोई के शिवकुमार की भी कुछ ऐसी ही कहानी है, जो चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा छोड़ नहीं पा रहे हैं. ज्यादा कुछ पूछने पर नाराज होते हुए कहते हैं कि अगर हम सब कुछ बता देंगे तो कल से नामांकन करने पहुंचने वाले नेता उनकी नकल कर लेंगे. इसलिए वह कुछ बताना नहीं चाहते हैं. अगर जनता उन्हें जीतती है तो वह जनता के लिए बहुत कुछ करने वाले हैं कुल मिलाकर अलग अंदाज में नामांकन करके वह कई बार हरदोई कलेक्ट्रेट से वापस जा चुके हैं.