नई दिल्ली। दुनिया का डिजिटल दायरा तेजी से बढ़ रहा है, और इस तरक्की में सबसे आगे हैं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर चलने वाले चैटबॉट्स – चैटजीपीटी, जेमिनी, कोपिलोट वगैरह. हम हर तरफ ऐसे एआई प्लेटफॉर्मों से घिरे हुए हैं जो हमारी ज्यादातर परेशानियों का हल निकाल सकते हैं. कोई ट्रिप का पूरा प्लान बनना चाहते हैं? ये आपको एकदम आपके हिसाब से बताएगा. कोड लिखने में दिक्कत आ रही है? तो कोई बात नहीं, एआई आपकी आंखों के सामने ही पूरा कोड तैयार कर देगा.
जनरेटिव एआई वर्म क्या है?
वायर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, टेक्नियन-इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और Intuit के रिसर्चर्स ने ‘मौरिस II’ नाम का एक नया खतरनाक प्रोग्राम बनाया है. इसे वो पहला ‘जनरेटिव एआई वर्म’ बता रहे हैं. ये आपका डेटा चुरा सकता है और खुद ही एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में फैल सकता है.
कमियों का उठा सकता है फायदा
1988 में इंटरनेट पर लाए गए पहले वर्म के नाम पर ही इस नए वर्म का नाम ‘मौरिस II’ रखा गया है. ये चैटजीपीटी और जेमिनी जैसे एआई मॉडल्स में सुरक्षा की कमियों का फायदा उठा सकता है. कॉर्नेल टेक के रिसर्चर बेन नसी बताते हैं कि ‘इसका मतलब है कि अब हम एक नए तरह का साइबर हमला कर सकते हैं, जो पहले कभी नहीं देखा गया.’
कैसे काम करता है AI worm?
आप इस मौरिस II को एक चालाक कंप्यूटर वर्म की तरह समझ सकते हैं. इसका काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इस्तेमाल करने वाले ईमेल सहायकों को परेशान करना है। सबसे पहले, मौरिस II “एडवरसारियल सेल्फ-रेप्लिकेशन” नामक एक धोखेबाज़ ट्रिक का इस्तेमाल करता है. ये ईमेल सिस्टम को बार-बार मैसेजेस फॉरवर्ड करके उसे उलझा देता है. इससे ईमेल असिस्टेंट के पीछे काम करने वाले एआई मॉडल भ्रमित हो जाते हैं. वो गलती से डेटा को एक्सेस कर लेते हैं और बदल देते हैं. इससे या तो जानकारी चोरी हो सकती है या फिर हानिकारक चीजें (जैसे मैलवेयर) फैल सकती हैं.
कैसे रहें सुरक्षित?
सिक्योर डिजाइन: डेवलपर्स को एआई सिस्टम को बनाते समय सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए. उन्हें पुराने, भरोसेमंद सुरक्षा के तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए और एआई जो नतीजे बताता है, उन पर आँख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए.
इंसानों की निगरानी: एआई कोई फैसला लेने से पहले उसमें किसी इंसान की राय लेना जरूरी है. साथ ही, एआई को बिना इजाजत के कोई काम करने से रोकना चाहिए. इससे खतरे को कम किया जा सकता है.
रखे नजर: एआई सिस्टम पर नजर रखनी चाहिए कि कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं हो रही है. उदाहरण के लिए, अगर कोई एक ही तरह का काम बार-बार करवाने की कोशिश कर रहा है, तो ये किसी हमले की कोशिश हो सकती है. ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने से खतरों को पकड़ा जा सकता है.