मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
ऋषिकेश : दुर्घटना वश बिल्डिंग की छत से नीचे गिरने पर यदि बाउन्ड्रीवॉल की नुकीली सरिया अथवा लोहे की रॉड आदि औजार शरीर में घुस जाय तो उसे अपने स्तर से स्वयं ही निकालने का प्रयास मत कीजिएगा। ऐसा करने पर घायल व्यक्ति के अंग हमेशा के लिए खराब हो सकते हैं। एम्स ऋषिकेश में एक ऐसा ही मामला आया है जिसमें छत से नीचे गिरने पर एक व्यक्ति की दोनों जांघों में लोहे के नुकीले एंगल घुस गए थे। गनीमत यह रही कि घायल के तीमारदारों ने बाउन्ड्रीवॉल से सरिया को काटकर उसे समय रहते एम्स ऋषिकेश पहंुचा दिया। जहां एम्स के ट्रॉमा चिकित्सकों ने उसकी तत्काल सर्जरी कर उसके दोनों पैर खराब होने से बचा लिए हैं।
मामला बल्लीपुर देहरादून में रहने वाले एक 29 वर्षीय व्यक्ति का है। तीन दिन पहले यह व्यक्ति रात के समय अपनी छत पर टहल रहा था। इस बीच पैर फिसलने के कारण वह अचानक छत से नीचे गिर गया। नीचे बाउन्ड्रीवॉल में लोहे के नुकीले एंगल लगे थे। नीचे गिरते ही उसकी दोनों जांघों में एंगल घुस गए और उसका शरीर एंगलों में फंस गया। ऊंचाई से गिरकर एंगलों में फंसे घायल को खींचकर बाहर निकालना संभव नहीं था। किसी तरह पड़ोसियों की मदद से बाउन्ड्रीवॉल से एंगल काटे गए और जांघों में फंसे एंगलों सहित घायल व्यक्ति को एम्स ऋषिकेश पहंुचाया गया।
एम्स के ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने इस बारे मे बताया कि मरीज की दोनों जांघों में लोहे के नुकीले एंगल बहुत अन्दर तक घुसे हुए थे। यह बड़ा कठिन समय था और एंगलों को जबरन बाहर निकालने से मरीज के दोनों पैर हमेशा के लिए खराब हो सकते थे। ऐसे में रात्रि में ही घायल व्यक्ति की आधुनिक मेडिकल तकनीक से तत्काल सर्जरी की गयी और नुकीले एंगलों को शरीर से निकालकर उसके दोनों पैर खराब होने से बचा लिए गए। उन्होंने कहा कि मंगलवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है।