ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल की ओर से कोविड-19 महामारी के दौरान आमजन की स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई टेलिकम्यूनिकेशन सुविधा के तहत अब तक 8 लाख से अधिक लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान ऐसा देखा गया कि सार्वजनिक स्तर पर नागरिकों को मुकम्मल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं,जिससे इस महामारी को लेकर आमजन में अत्यधिक दहशत का माहौल बना हुआ है। ऐसी स्थिति में आम जनमानस के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए एम्स, ऋषिकेश की ओर से निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी के मार्गदर्शन व निर्देशन में सोशल आउटरीच सेल ने जनहित के लिए ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत की।
संस्थान के सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि कोविडकाल में चिकित्सा विशेषज्ञों व आमजन में समुदायिक संवाद नहीं हो पा रहा था,लिहाजा कोविड की आक्रामकता से लोग अपने मानसिक तनाव को चिकित्सकों से साझा नहीं कर पा रहे थे। लिहाजा एम्स ऋषिकेशन ने सामुदायिक संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से टेलिकम्यूनिकेशन मंच तैयार किया, जिससे कि लोग सीधेतौर पर चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श ले सकें व अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें।उन्होंने बताया कि कोविडकाल की इस अवधि के दौरान 8 लाख से अधिक लोगों से बातचीत की गई है, जिनमें से अधिकांश लोग कोरोना वायरस ग्रसित कोविड-19 पॉजिटिव थे। इस मुहिम के तहत लाडली फाउंडेशन (दिल्ली) और असहाय जन कल्याण सेवा समिति (देहरादून) ने इस सामजिक कार्य में सहभागिता निभाई और एम्स की इस स्वास्थ्य सेवा की मुहिम में तकनीकि सहयोग (जूम, फेसबुक लाइव) प्रदान किया।
बताया गया कि टेलिकम्यूनिकेशन सेवा के माध्यम से एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ रोजाना अपनी सेवाएं दे रहे हैं,जिससे देश के लगभग सभी प्रांतों के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें उत्तराखंड के अलावा उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, बैंगलौर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, गुजरात,उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ आदि क्षेत्रों के लोग मुख्यरूप से शामिल हैं। जिनमें लोगों ने अब तक लगभग 500 तरह के प्रश्नों के उत्तर इस कार्यक्रम के माध्यम विशेषज्ञों से प्राप्त किए. इस मुहिम में एम्स संस्थान के पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गिरीश सिंधवानी, सहायक प्रोफेसर डॉ. लोकेश सैनी, जनरल मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर मुकेश बैरवा आदि ने सहयोग किया। लोगों के सवालों के जवाब में पल्मोनरी विभागाध्यक्ष डॉ.गिरीश सिंधवानी जी ने लोगों से अपील की कि कोविड ग्रसित मरीज स्टेरॉयड का सेवन अपने मन से हरगिज नहीं करें। उन्होंने बताया कि मरीज का SPO2- 94 से नीचे जाने पर, सांस प्रति मिनट में 24 से ऊपर हो या बुखार बहुत तेज हो, तो ही स्टेरॉयड को चिकित्सकीय परामर्श लेकर उपयोग करना चाहिए ।
उन्होंने बताया कि कोविडकाल में भाप का उपयोग भी बहुत महत्वपूर्ण है । इसी मुहिम के तहत एम्स ऋषिकेश की ओर से डॉ. संतोष कुमार ने इस दौर में युवाओं में उत्पन्न मनोविकृतियों के मद्देनजर आईआईटी रुड़की व राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित युवाओं के साथ यूथ स्पेशल कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें उन्होंने बताया कि हम सभी इस समय कोविड-19 महामारी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में युवा होना अपने आप में ही एक बड़ी जिम्मेदारी है। बताया कि इस दौर में बहुत से युवा आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं व बहुत से युवावर्ग के लोगों को अपने पारिवारिकजनों को खोकर दुखों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही कई युवा अपने कॅरियर के कारण निराश हैं, जिससे वह मानसिक तनाव से ग्रसित हो रहे हैं। जिससे युवा व छात्रवर्ग के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
लिहाजा ऐसे समय में उन्हें सहयोग करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन करीब एक माह से प्रतिदिन किया जा रहा था, जिसे अब सप्ताह में दो दिन बृहस्पतिवार व शुक्रवार को शाम 5 से 6 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें एम्स ऋषिकेश के एक्सपर्ट ऑनलाइन युवाओं से जुड़ेंगे व परामर्श देंगे। इस कार्यक्रम से जूम लिंक व फेसबुक लाइव के माध्यम से जुड़ सकते हैं।