- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एम्स ऋषिकेश में होगा स्त्री वरदान कार्यक्रम
- एम्स में स्थापित विश्व का पहला रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी विभाग चला रहा अभियान
मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
ऋषिकेश: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एम्स ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी विभाग की ओर से संस्थान में रविवार को स्त्री वरदान अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, एम्स ऋषिकेश की पहल पर आयोजित विश्वव्यापी इस अभियान का ध्येय वाक्य है “चुप्पी तोड़ो, स्त्रीत्व से नाता जोड़ो”। स्त्रियों की समस्याओं पर आधारित एम्स की इस पहल पर आयोजित कार्यक्रम में देश और उत्तराखंड राज्य की कई लब्ध प्रतिष्ठित हस्तियां प्रतिभाग करेंगी।
तीन प्रमुख बिंदु होंगे जिन पर स्त्री कल्याण के लिए काम करेंगे जिनमें से-
-पहला स्ट्रेस यूरिनरी इंकॉन्टिनेंट यानी चलते हुए पेशाब आना, खांसी के बाद पेशाब आना, भागने पर पेशाब आना इत्यादि
-दूसरा है वैजाइनल लेक्सिटी, यानी यौनि में स्थिलकरण, ढीला पैन आना बच्चे होने से इत्यादि और इंफेक्शन फैलना.
-तीसरा है जो फीमेल जेनिटल मुटिलिएशन यानी महिला जननांग कर्तन-विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा परिभाषित महिला जननांग कर्तन की परिभाषा निम्न प्रकार है: “वो सभी प्रक्रियाएँ जिनमें महिला जननांग (गुप्तांग) के बाहरी भाग को आंशिक अथवा पूर्ण रूप से हटा दिया जाता है अथवा किसी गैर चिकित्सकीय कारण से महिला यौन अंगों को होने वाली क्षति को कहा जाता है।” हालंकि भारत में इस विषय पर कम ही घटनाएं होती हैं एक समुदाय को छोड़कर अधिकतर केस अफ्रीका और मुस्लिम बोहरा समुदाय में देखने को मिलते हैं. उत्तराखंड में तो ना के बराबर. होंगे भी सामने नहीं आते हैं.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एम्स ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी विभाग की ओर से संस्थान में रविवार को स्त्री वरदान अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, एम्स ऋषिकेश की पहल पर आयोजित विश्वव्यापी इस अभियान का ध्येय वाक्य है “चुप्पी तोड़ो, स्त्रीत्व से नाता जोड़ो”। स्त्रियों की समस्याओं पर आधारित एम्स की इस पहल पर आयोजित कार्यक्रम में देश और उत्तराखंड राज्य की कई लब्ध प्रतिष्ठित हस्तियां प्रतिभाग करेंगी। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम में सूबे की महामहिम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी जी महाराज, स्वामी देवानंद सरस्वती जी महाराज, स्वामी विजय कौशल महाराज, हंस फाउंडेशन की प्रमुख माता मंगला जी, राष्ट्रीय महिला आयोग, भारत सरकार की चेयरपर्सन रेखा शर्मा, यमकेश्वर क्षेत्र की विधायक ऋतु खंडूड़ी, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. चिन्मय पांड्या, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक श्री आशीष गौतम प्रमुखरूप से शामिल होंगे। मीडिया से मुखातिब होते हुए एम्स ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी विभाग डॉक्टर नवनीत मग्गो और डॉक्टर जाया चतुर्वेदी ने यह जानकारी दी.
गौरतलब है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की ओर से अपनी तरह के अनूठे स्त्री वरदान कार्यक्रम की शुरुआत गतवर्ष 31 अक्टूबर 2020 को रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी विभाग के डॉक्टर नवनीत मग्गो के मार्गदर्शन में की गई थी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की निजी समस्याओं का निवारण करना है। डा. मग्गो के अनुसार रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी विभाग, विश्व में अपनी तरह का पहला ऐसा विभाग है जो एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत की दिव्यदृष्टि से 2020 में स्थापित किया गया था।ऋषिकेश एम्स के स्त्री वरदान कार्यक्रम के निदेशक डॉ. नवनीत मग्गो का कहना है कि यह कार्यक्रम उन अंतर्मुखी महिलाओं की आवाज़ बनेगा, जो अपनी निहायत निजी स्वास्थ्य समस्याओं को चुपचाप सहती रहती हैं। एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम के माध्यम से देश की महिलाओं के कल्याण के लिए एक पहल की गई है, जिसकी शुरुआत उत्तराखंड से की जा रही है। उम्मीद जताई कि यह संकल्प जल्द साकार होगा और महिलाएं अपनी पीड़ा से मुक्त होंगी।
अगर यह कर्यक्रम सफल रहा तो इसका दूरगामी परिणाम निकलेंगे भारत जैसे जटिल समाज में से. यह महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है. वहीँ इस तरह के हेल्थ मिशन शुरू करने से आने वाले समय देश को मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. खास कर सबकॉन्टिनेंट की बात करें तो महिला मरीजों को उपचार आसानी और कम पैसे में मिल सकता है. अभी उत्तराखंड में यह उपचार मुफ्त है. किसी से कोई पैसा नहीं ले रहा हैं एम्स. जो एक शानदार पहल है. यह निर्भर करता है काउंसलर्स और जो सुपरविजन करेंगे इस कार्यक्रम को उन टीमों पर आने वाले समय में.