देहरादून : उत्तराखंड में उद्योग परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्यमियों को राज्य को अपनी कर्मभूमि बनाने की अपील की है. उन्होंने कहा है उत्तराखंड अब देश में तेजी से विकास करने वाला राज्य बन गया है. दरअसल उत्तराखंड सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 आयोजित करने जा रही है. उत्तराखंड सरकार ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं. और इसी के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में सोमवार को उद्योग जगत की नामी हस्तियों से मुलाकात की.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे मसले पर उद्योगपतियों से विचार-विमर्श किया. कार्यक्रम में इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए उत्तराखंड सरकार के उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने FICCI और CII के साथ भी गंभीर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे उद्यमी राज्य के ब्रांड एम्बेसडर हैं.
मिशन सशक्त उत्तराखंड का लक्ष्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर का बनाने का लक्ष्य रखा है. इसी को ध्यान में रखते हुये उत्तराखंड ने राज्य की इकोनोमी को मजबूत बनाने के लिए सशक्त उत्तराखंड मिशन लॉच किया गया है. जिसके तहत अगले 5 सालों में राज्य की GDP दोगुना करने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन करने जा रही है.
राज्य के विकास के लिए SETU का गठन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की निवेशकों के अनुकूल नीतियां, बुनियादी ढांचे में निवेश, कुशल जनशक्ति की उपलब्धता और गुड गवर्नेस के जरिए राज्य में स्वस्थ निवेश के माहौल की नींव रखी गई है. बेहतर योजना संरचना, प्रभावी नीति निर्धारण, नये उद्यमियों को प्रोत्साहन और विकास कार्यों के मूल्यांकन के लिए नीति आयोग की तरह राज्य में SETU यानी State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand का गठन किया गया है.
निवेशकों को सुविधाएं देने का फैसला
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की तरह ही राज्य सरकार भी गैरजरूरी अधिनियमों को हटाने और बदलने की कार्यवाही कर रही है. अभी तक 1250 ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया गया है जिनमें से करीब 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसका मकसद निवेशकों को बेहतर सुविधाएं देना है. राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (UIIDB) का भी गठन किया गया है.
पीएम मोदी को है उत्तराखंड से खास लगाव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है. प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पिछले 9 सालों में उत्तराखंड में हर क्षेत्र में तेजी से विकास हुए हैं. प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को कई विकास योजनाएं दी हैं. चार धाम ऑल वेदर रोड पर तेजी से काम किया जा रहा है. ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से कार्य हो रहा है. उत्तराखंड देश की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है. उन्होंने कहा कि फिल्मांकन की दृष्टि से भी पूरा उत्तराखंड एक अहम डेस्टिनेशन है.
उन्होंने कहा कि राज्य में ईज आफ डूईंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूईंग बिजनेस भी है. क्योंकि उत्तराखंड के उद्योगों में श्रमिक असंतोष की घटनाएं न के बराबर हैं. उत्तराखंड में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 22 फीसदी कम अपराध दर हैं.
राज्य में केंद्र की योजनाओं पर तेजी से काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में 2003 के बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी के स्वीकृत किए गए विशेष औद्योगिक पैकेज से औद्योगीकरण में तेजी आई है. राज्य में तीन बड़े औद्योगिक पार्क बनाए गए हैं. राज्य की नीति संरचना में पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए नीति-2023 शामिल हैं.
संवाद में बड़े उद्योगपतियों ने रखे अपने विचार
इस कार्यक्रम में पीएचडी चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव सौरभ सान्याल, ऑटोमोटिव कम्पोनेंट मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक विन्नी मेहता, हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव सिद्धार्थ भट्टाचार्य, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष बलदेवभाई प्रजापति, इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटरस् के अध्यक्ष राजीव मेहरा, ऑल इंडिया मोटर ट्रॉसपोर्ट कांग्रेस के महासचिव नवीन गुप्ता, ऑल इंडिया फूड प्रोसेसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राघव जदली, एसोएिसशन ऑफ कन्टेनर ट्रेन ऑपरेटर्स के अध्यक्ष मनीष पुरी, द फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा शामिल हुए.
उनके अलावा एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय सिंह, कॉन्फेड्रेशन ऑफ रियल स्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव पंकज गोयल, होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव एम.पी बेजबरूवा, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एण्ड सर्विस कम्पनीज की अध्यक्ष देबजानी घोष, सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चर्स के महानिदेशक राजेश मेनन सहित करीब तीन दर्जन से अधिक उद्यमियों ने अपने सुझाव रखें.