नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने गारंटी कार्ड योजना के तहत गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को जुलाई से हर महीने 8500 रुपये उनके बैंक एकाउंट में डालने का वायदा किया था। हालांकि इस वायदे को पूरा नहीं किया गया। इसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता भारती सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कांग्रेस के सभी 99 सांसदों को अयोग्य घोषित किया जाए और चुनाव चिह्न जब्त कर पार्टी का रजिस्ट्रेशन भी सस्पेंड हो। याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी।
चुनाव आयोग में भी दी थी अर्जी, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह पहले इसके लिए चुनाव आयोग में अर्जी दी थी, लेकिन वहां से कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद यह जनहित याचिका दाखिला की गई है। याचिका में दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी का यह कृत्य जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 121(1)(ए) का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय न्याय संहिता और भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है। याचिका में कहा गया है कि इसको लेकर चुनाव आयोग ने 2 मई 2024 को एडवाइजरी भी जारी की थी। किंतु कांग्रेस पार्टी ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के गारंटी कार्ड वाले वायदा पत्र पर पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही उसमें रसीद भी था। लोगों ने उनके रसीद को देखकर इस उम्मीद के साथ वोट दिया कि उनको पैसे मिलेंगे, लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया।
याचिका में उन्होंने कहा, “यह जनता के साथ विश्वासघात है, लिहाजा इस पर कार्रवाई हो।” चुनाव के दौरान पार्टी नेता राहुल गांधी ने अपने घोषणापत्र का जिक्र करते हुए दावा किया था कि इंडी गठबंधन की सरकार बनते ही महिलाओं के खाते में खटाखट-खटाखट एक एक लाख रुपये आ जाएंगे।