कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद राज्य बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी के कई नेताओं नाराज चल रहे हैं. इसमें वो शामिल हैं जो राज्य की राजनीति में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं. बीजेपी को डर है ये नेता पाला बदलकर कांग्रेस में खेमे ना चले जाएं और यही वजह है कि वह ‘हाथ’ के ऑपरेशन हस्त से अलर्ट है और नाराज नेताओं के संपर्क में है. जो नेता प्रदेश बीजेपी के नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं वो एसटी सोमशेखर और शिवराम हेब्बर हैं.
सोमशेखर और शिवराम हेब्बर कांग्रेस के संपर्क में हैं. सोमशेखर तो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से मुलाकात भी कर चुके हैं. सोमशेखर पार्टी के कामकाज के तरीके पर नाखुशी जता चुके हैं. चुनाव के बाद उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं की शिकायत भी की थी. आरोप है कि चुनाव में उन नेताओं ने सोमशेखर के खिलाफ कार्य किया था, लेकिन तब बीजेपी ने सोमशेखर की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की थी. अब जब एसटी सोमशेखर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं तो बीजेपी भी एक्टिव हो गई है उनके निर्वाचन क्षेत्र के कुछ कार्यकर्ताओं को सस्पेंड कर चुकी है.
इस बीच सिद्धारमैया और शिवकुमार सोमशेखर के निर्वाचन क्षेत्र का दौरा भी कर चुके हैं और उन्होंने बीजेपी विधायक के साथ मंच भी साझा किया था. कांग्रेस की सरकार ने सोमशेखर के क्षेत्र के विकास के लिए 7 करोड़ रुपये जारी किए.
वहीं, बात ज्यादा ना बिगड़े इसके लिए बीजेपी के कई नेता एसटी सोमशेखर से वार्ता कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने एसटी सोमशेखर से बात करके उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया और उन्हें जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेने की मांग की.
शिवराम हेब्बर और ये नेता भी हैं नाराज
बात सिर्फ एसटी सोमशेखर की नाराजगी की नहीं है. शिवराम हेब्बर भी पार्टी से खफा चल रहे हैं. येल्लपुर से विधायक शिवराम ने बीजेपी के उन कार्यकर्ताओं की शिकायत की थी जो चुनाव में उनके खिलाफ कार्य किए थे. एसटी की तरह हेब्बर भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं. रोचक बात ये है कि हेब्बर डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश से भी मुलाकात कर चुके हैं. इन मुलाकातों ने बीजेपी में बहस को जन्म दे दिया.
इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नता और पूर्व स्पीकर विश्वेवर हेगड़े ने शिवराम हेब्बर से मुलाकात की. बता दें कि एसटी सोमशेखर और शिवराम हेब्बर कांग्रेस से ही बीजेपी में आए हैं. बीजेपी की दिक्कत सिर्फ यहीं तक नहीं है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता रहे जगदीश शेट्टर के भाई प्रदीप शेट्टर भी कर्नाटक बीजेपी नेतृत्व पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी लिंगायत समुदाय के नेताओं को महत्व नहीं दे रही है.
प्रदीप शेट्टर ने कहा कि बीजेपी के चुनाव हारने के पीछे का कारण लिंगायत नेताओं को पार्टी से दरकिनार करना है. उन्होंने पार्टी नेतृत्व से लिंगायत समुदाय को प्रमुखता देने का आग्रह किया. बीजेपी के कद्दावर नेता और राज्य के पूर्व सीएम येदियुरप्पा के करीबी और पूर्व सांसद रेणुकाचार्य ने भी कर्नाटक बीजेपी के नेतृत्व पर निशाना साधा है. उन्होंने चुनाव में हार के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष पर हमला बोला.
रेणुकाचार्य ने कहा कि ‘ तथाकथित जी’ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. वह अपने शिष्यों को महत्व देने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बिना किसी वजह के येदियुरप्पा को किनारे कर दिया. सभी लिंगायत नेताओं को उन्होंने किनारे कर दिया है और चुनाव में हार की यही बड़ी वजह रही. विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी को मुश्किल दौर का सामना करना पड़ रहा है. वह आगे कहते हैं कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नलिन कुमार अब बड़े फैसले नहीं ले रहे हैं और वह आने वाले दिनों में इस्तीफा दे देंगे. सदन में अब तक विपक्ष के नेता का चुनाव नहीं हुआ है.