नई दिल्ली: चीन की खस्ताहाल इकॉनमी ( China Economic Crisis) की हालात किसी से छिपी नहीं है, भले ही चीन अपने मुंह से कुछ न कहे, लेकिन उसकी हालत दुनिया जान चुकी है। जो देश खुद को दुनिया का बॉस मानता हो, आज वो अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं पा रहा है। कोविड के बाद से यहां अमेरिका, यूरोप समेत दुनिया के अधिकांश देश महंगाई बढ़ रही है तो इन सबके उलट चीन में चीजों की कीमत लगातार गिरती जा रही है। चीन में रियल एस्टेट से लेकर खाने-पीने की चीजों के दाम में लगातार गिरावट आ रही है। चीन में बेरोजगारी चरम पर है। चीन में 20% से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं। चीन की इस हालात से अर्थव्यवस्था हिली हुई है। वहीं चीन को चौतरफा झटका लगा है। चीन के निर्यात और आयात के आंकड़े सामने आए हैं, जिसने उसकी टेंशन को और बढ़ा दिया है। वहीं चार प्रमुख पश्चिमी बैंकों ने चीन के लिए अपने 2023 सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के विकास के पूर्वानुमान में कटौती कर दुनिया की फैक्ट्री कहे जाने वाले इस देश को बड़ा झटका दिया है।
सिकुड़ती जा रही है चीन की अर्थव्यवस्था
चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्ष्ण नहीं दिख रहे हैं। आयात-निर्यात ( Export-Import)के ताजा आंकड़ों ने उसकी मुश्किल बढ़ा दी है। चीन के निर्यात में आई गिरावट उसके धीमी अर्थव्यवस्था को दिखा रहा है। चीन की इकॉनमी दवाब में है। अगस्त में चीन के निर्यात में 8.8 फीसदी की गिरावट आई है और यह घटकर 287.87 अरब डॉलर पर पहुंच गया। निर्यात ही नहीं आयात के आंकड़ों ने भी शी जिनपिंग की मुश्किलें बढ़ा दी है। आयात एक साल पहले ही तुलना में 7.3 फीसदी गिरकर 216.51 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
चीन के हालत ठीक नहीं
चीन का ट्रेड सरप्लस अगस्त में 68.36 अरब डॉलर रहा, जो जुलाई में 80.6 अरब डॉलर था। चीनी सरकार ने बिगड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई नीतिगत उपाय तो किए, लेकिन इकॉनमी को रफ्तार देने में सफल नहीं हो सके। चीन का गिरता व्यापार उसके लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। चीन की अर्थव्यवस्था एक्सपोर्ट पर टिकी हुई है। कोविड के बाद से चीन की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है और इसमें सुधार की दर धीमी है।
चौतरफा मुश्किल में फंसा ड्रैगन
चीन पर चौतरफा मुश्किलें बढ़ रही हैं। विकास दर के आंकड़ों में कमी आ रही है। चार प्रमुख पश्चिमी बैंकों ने चीन के लिए अपने 2023 सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP के पूर्वानुमान को घटा दिया है। यूबीएस, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, बैंक ऑफ अमेरिका और जेपी मॉर्गन ने चीन की GDP ग्रोथ के आंकड़ों में कटौती कर दी है। इन बैंकों के मुताबिक चीन का जीडीपी ग्रोथ साल 2023 में 5.2 फीसदी से 5.7 फीसदी के बीच रहेगी, जो कि पहले 5.7 फीसदी से 6.3 फीसदी के बीच थी। यूबीसी ने चीन के विकास दर के पूर्वानुमान को 5.7 फीसदी से घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया । वहीं स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 5.8 फीसदी से घटाकर 5.4 फीसदी कर दिया। वहीं बैंक ऑफ अमेरिका ने विकास अनुमान को 6.3 फीसदी से घटाकर 5.7 फीसदी कर दिया। जबकि जेपी मॉर्गन ने इसे 5.9 फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया ।