पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग में एक मकान में ‘अवैध’ रूप से बनाई गई मस्जिद को ढहाने की मांग हो रही है। इसके लिए उपजिलाधिकारी कार्यालय के बाहर से जुड़े लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। इसके बाद पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गिरीश गोस्वामी ने कहा कि संगठन ने इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा है। इसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक बेरीनाग में एक खाली मकान को अंदर से कथित रूप से एक मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है।
मस्जिद हटाने की मांग और मुकदमा
संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हिमांशु जोशी ने कहा कि हमने अवैध मस्जिद को हटाने की मांग की है। अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा संगठन के सदस्यों के खिलाफ भी मस्जिद को कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर लाइव दिखाए जाने के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 196/2 (धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
बाहर से रिहायशी मकान, लेकिन अंदर मौजूद मस्जिद
स्थानीय लोगों के अनुसार 100 मुस्लिम परिवार पिछले 25 साल से हल्द्वानी में रह रहे अजीम नाम के व्यक्ति के इस पुराने मकान का इस्तेमाल नमाज पढ़ने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मकान के एक हिस्से को मदरसे के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बाहर से यह मकान किसी रिहायशी जगह की तरह दिखाई देता है और इसके मस्जिद होने का पता नहीं चलता, लेकिन अंदर से इसे मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है।
वैध-अवैध को लेकर वाद-विवाद
9 सितंबर को हिंदू संगठनों के एक छात्र समूह संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ ने उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट मेहरबान सिंह बिष्ट को एक ज्ञापन सौंपकर मस्जिद को गिराने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मस्जिद गैर-पंजीकृत भूमि पर बनाई गई थी। हालांकि, प्रशासन ने राजस्व रिकॉर्ड का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि मस्जिद अवैध नहीं थी।