भोपाल: I.N.D.I.A गठबंधन सनातन विवाद में घिर गई है। इसकी वजह से एमपी में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भी निशाने पर हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 सितंबर को ही कहा था कि कमलनाथ ने सनातन विवाद पर मौनी बाबा बने हुए हैं। शिवराज के इस बयान के 4 दिन पहले 19 सितंबर को मोनिका मनमोहन शाह बट्टी बीजेपी में शामिल हो गई थी। 26 सितंबर को मोनिका बट्टी को बीजेपी ने अमरवाड़ा सीट से टिकट दे दिया। टिकट मिलते ही मनमोहन बट्टी के पिता से जुड़े विवाद की चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा में आने से पहले मोनिका अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष थीं।
अब भाजपा के विरोधी सवाल उठा रहे हैं कि मोनिका और उनके परिवार ने कई बार सनातन धर्म का घोर अपमान किया है। शायद कथनी और करनी में अंतर इसे ही कहा जाता है। जो अब भाजपा कर रही है। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि अब तो भाजपा ने सनातन धर्म का अपमान करने वाले, रामायण को जलाने वाले और रावण की पूजा करने वाले नेता की बेटी को टिकट दिया है!
यह बहस मंगलवार दोपहर उस समय तेज हो गई, जब भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तीसरी सूची जारी की। इस सूची में एकमात्र नाम मोनिका शाह बट्टी का है। उन्हें छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी बाहुल्य अमरवाड़ा विधानसभा से प्रत्याशी बनाया गया है।
वर्ष 2020 में कोरोना के बाद आए हार्ट अटैक में काल के गाल में समाए मनमोहन शाह बट्टी बेहद क्रांतिकारी विचारधारा वाले नेता थे। वे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अध्यक्ष और एक बार इसी पार्टी से विधायक भी रहे हैं। छिंदवाड़ा जिले के जमीनी मामलों पर नजर रखने वाले पत्रकार नितिन दत्ता नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से चर्चा में कहते हैं कि मोनिका बहुत पढ़ी लिखी युवा नेत्री हैं, लेकिन उनकी राह आसान नहीं होगी। उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला विरोध झेलने के लिए तैयार रहना होगा।
ये लगा था आरोप
दरअसल, मोनिका के पिता मनमोहन शाह बट्टी पर रामायण जलाने का आरोप लगा था। उस समय वह गोंगपा में थे। इसे लेकर पुलिस ने केस भी दर्ज किया था। कहा जाता है कि मनमोहन शाह बट्टी ने अपने गांव देवरी में रावण का मंदिर भी बनवाया है। आरोप है कि उनके परिवार में रावण की पूजा की जाती है। साथ ही दशहरे पर इसे जलाने का विरोध करता है। मोनिका के परिवार पर आरोप है कि इन लोगों ने हिंदू विरोधी साहित्य बंटवाया था।
हाल ही में मोनिका ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री की कथा का विरोध करते हुए कहा था कि वे माइंड रीडिंग करते हैं, वे दिखावा करते हैं, जादू टोना है, ऐसा कुछ नहीं होता। हम आदिवासी केवल बड़ा देव को मानते है, हमारे लिए बड़ादेव ही सबकुछ है। राम केवल एक पात्र हैं। उनका नाम लेकर रामकथा करने से कुछ नहीं होने वाला।
मोनिका बट्टी ने आरोपों पर दी सफाई
टिकट मिलने के बाद मोनिका बट्टी पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं। उन्होंने इन आरोपों पर नवभारत टाइम्स.कॉम से फोन पर बात की है। मोनिका बट्टी ने कहा कि रामायण जलाने का कोई सबूत नहीं है, मेरे पापा मनमोहन शाह बट्टी घर से जब भी निकलते थे, तो पूजा पाठ करके निकलते थे, मैं खुद गणपति बप्पा की भक्त हूं, भगवान गणेश मेरे आराध्य हैं। इसीलिए मैंने गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर भाजपा की सदस्यता ली है। मेरी मम्मी मां दुर्गा की रोज पूजा उपासना करती है। हमारा परिवार सभी धर्म का समान रूप से सम्मान करता है।
रावण की पूजा
रावण की पूजा के आरोप पर मोनिका बट्टी ने कहा कि आदिवासी लोगों का मानना है कि रावण उनके वंशज थे। मेरे पापा श्रीलंका से मिट्टी लेकर आए थे। दशहरा में कई लोग पूजा करते हैं। रामायण जलाने की जानकारी मुझे नहीं है, कांग्रेसी भ्रम फैला रहे हैं। सीएम साहब से मिलने गई थीं, वह दिन गणेश चतुर्थी का दिन था, मैंने इसलिए वह दिन चुना था। इन विवादों पर मोनिका का कहना है कि मैं बहुत छोटी थी, मुझे ज्यादा याद नहीं है।
वहीं, मोनिका के गांव के एक नागरिक ने कहा कि जब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का बहुत अधिक जोर था, तब रामायण जलाने की घटना हुई थी, यही कारण था कि पूरा आदिवासी समाज ने एक जुटता के साथ बट्टी को वोट किया था, वे जीत गए थे। लेकिन उसके बाद वे कभी जीत भी नहीं पाए। हिंदू विरोधी छवि के कारण कांग्रेस ने उनसे दूरी बना ली थी।