आनंद अकेला की रिपोर्ट
भोपाल। मध्य प्रदेश में पूर्ववर्ती कमल नाथ सरकार के दौरान जिन मंत्रियों के बंगलों की साज-सज्जा और अतिरिक्त निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च हुए थे, अब उन्हें पाने के लिए खींचतान शुरू हो गई है। मंत्रिमंडल विस्तार के पहले ही मौजूदा मंत्री और दिग्गज नेताओं की नजरें इन भव्य बंगलों पर लगी हैं। पूर्व लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और वित्त मंत्री तरण भनोत के अलावा बाला बच्चन और पीसी शर्मा को आवंटित बंगलों के लिए कई नेता लालायित हैं।
मंत्रियों ने बंगलों में साज-सज्जा पर किए थे करोड़ों रुपये खर्च
प्रदेश में दिसंबर 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद उनके मंत्रियों को जो बंगले आवंटित हुए थे, उनमें ज्यादातर मंत्रियों ने अतिरिक्त कक्ष-कार्यालय निर्माण, महंगी टाइल्स, मार्बल-ग्रेनाइट, वुडन पैनल्स, एसी और नए फर्नीचर निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे। हर बंगले पर शासन को औसतन 40-50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आया था।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, प्रियव्रत सिंह, और तरण भनोत के बंगले को जिस शाही अंदाज में सजाया गया है, उसे देख दूसरे मंत्रियों को ईर्ष्या होने लगी थी। कुछ मंत्रियों ने विभागों के मद में भी मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये का खर्च अलग कराया, कुछ खर्च का हिसाब भी नहीं रखा गया।
कई मंत्रियों को दिए नोटिस
करीब दो माह पूर्व कमल नाथ सरकार गिरने के बाद ज्यादातर मंत्रियों ने अब तक इन बंगलों को खाली नहीं किया है। सरकार कई पूर्व मंत्रियों को नोटिस भी जारी कर चुकी है, लेकिन ये बंगले अब तक खाली नहीं हुए। भनोत के बंगले की भव्यता का अनुमान इस बात से लगा सकते हैं कि एक दर्जन से अधिक एसी लगाए गए हैं। खर्च ज्यादा न दिखे इसलिए बंगलों की मरम्मत का ‘एस्टीमेट’ लोक निर्माण विभाग ने कई किस्तों में मंजूर किए। इसमें पुताई अलग रखी गई। भनोत का बंगला प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और सज्जन का बंगला मंत्री कमल पटेल ने आवंटित कराया है।
सीएम हाउस की भव्यता पर दो करोड़ खर्च
कमल नाथ सरकार ने सीएम हाउस से लेकर मंत्रियों के बंगलों की नई साज-सज्जा और भव्यता पर करोड़ों रुपये खर्च किए। सीएम हाउस में दिल्ली के आर्किटेक्ट की देखरेख में करीब चार महीने तक निर्माण और नए सिरे से साज-सज्जा की गई, जिस पर करीब 2 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुआ। कमल नाथ ने दिसंबर 18 में मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। बंगले की मरम्मत के बाद सीएम हाउस में वह जून 19 में शिफ्ट हुए।
इन बंगलों पर हुए खर्च का अनुमान
सज्जन सिंह वर्मा- बी-10 चार इमली-1.23 करोड़
तरण भनोत- बी-16, चार इमली– एक करोड़
एनपी प्रजापति – बी 9, चार इमली–80 लाख
गोविंद सिंह राजपूत- सी-2, 74 बंगले–65 लाख
कमलेश्वर पटेल- बी-20, 74 बंगले–65 लाख
पीसी शर्मा- बी-4, चार इमली–60 लाख
प्रियव्रत सिंह- बी-8, चार इमली–45 लाख
बाला बच्चन- बी-27, 74 बंगले–45 लाख
उमंग सिंघार- बी-19, 74 बंगले–40 लाख
प्रद्युम्न सिंह- सी-18, शिवाजी नगर–40 लाख
हर्ष यादव- बी-20, चार इमली–40 लाख
भनोत का बंगला सील
बुधवार को भनोत का बंगला सील कर दिया गया। उन्हें बेदखली नोटिस करीब 25 दिन पहले दिया गया था। इसके जवाब में भनोत ने मकान खाली करने में असमर्थता जताई थी। संपदा संचालनालय की ओर से इस कार्रवाई के पीछे उचित जवाब न देने की बात कही जा रही है। संपदा संचालनालय के अधिकारी मुकुल गुप्ता का कहना है कि कार्रवाई गृह मंत्रालय के कहने पर की जा रही है। बंगले खाली कराकर नए मंत्रियों को दिए जाएंगे।
हालांकि लॉकडाउन के दौरान हो रही इस तरह की कार्रवाई पर अब सवाल खड़े होना शुरू हो गए है। इधर, संपदा संचालनालय से आए नोटिस के बाद कांग्रेस के मंत्रियों ने जवाब देना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने कांग्रेस के 22 पूर्व मंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस दिया है। इसमें उन मंत्रियों का नाम शामिल नहीं है जो भाजपा में शामिल हो गए हैं।