नई दिल्ली : वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और घटते निर्यात एवं आयात के बावजूद अमेरिका चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है। सरकारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है। वाणिज्य मंत्रालय के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर, 2023 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार (India US Trade) 11.3 फीसदी घटकर 59.67 अरब डॉलर रह गया है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 67.28 अरब डॉलर था। अप्रैल-सितंबर, 2023 में अमेरिका को निर्यात घटकर 38.28 अरब डॉलर हो गया, जो इससे पिछले साल समान अवधि में 41.49 अरब डॉलर था। अमेरिका से आयात भी घटकर 21.39 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 25.79 अरब डॉलर था।
भारत और चीन के बीच कारोबार घटा
इसी तरह, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार भी 3.56 फीसदी घटकर 58.11 अरब डॉलर रह गया। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में चीन को निर्यात मामूली रूप से घटकर 7.74 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 7.84 अरब डॉलर था। चीन से आयात भी घटकर 50.47 अरब डॉलर पर आ गया, जो पिछले साल समान अवधि में 52.42 अरब डॉलर था।
ग्लोबल डिमांड में कमजोरी का असर
एक्सपर्ट्स का मानना है कि वैश्विक मांग में कमजोरी के कारण भारत और अमेरिका के बीच निर्यात तथा आयात में गिरावट आ रही है, लेकिन व्यापार वृद्धि जल्द सकारात्मक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद आने वाले वर्षों में अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का रुझान जारी रहेगा, क्योंकि भारत और अमेरिका आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
GSP का फायदा मिले
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की निर्यात व आयात (एक्जिम) पर राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष संजय बुधिया ने पहले कहा था भारतीय निर्यातकों को अमेरिका द्वारा ‘सामान्य तरजीह प्रणाली’ (जीएसपी) लाभ की बहाली के लिए शीघ्र समाधान समय की मांग है। क्योंकि इससे द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ावा मिलने में मदद मिलेगी। मुंबई स्थित निर्यातक खालिद खान ने कहा कि रुझान के अनुसार वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना रहेगा। लुधियाना के निर्यातक एस. सी. रल्हन ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार लगातार बढ़ेगा।