वॉशिंगटन: अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो पद संभालने के बाद से ही एक्शन में आ गए हैं. बुधवार को उन्होंने चीन को चेतावनी देते हुए फिलीपींस के साथ अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई. फिलीपीनी विदेश मंत्री एनरिके मैनालो के साथ उन्होंने फोन पर बात की, जिसमें दक्षिण चीन सागर में खतरनाक और अस्थिरता फैलाने वाली गतिविधियों पर चर्चा हुई. अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, ‘विदेश मंत्री रुबियो ने कहा कि चीन का यह रवैया क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर करता है और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप नहीं है.’ पिछले दो वर्षों में फिलीपींस और चीन के बीच समुद्र को लेकर कई विवाद हुए हैं. दोनों के बीच दक्षिण चीन सागर के उन क्षेत्रों को लेकर बार-बार टकराव हुआ है जो फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र में आते हैं.
रुबियो ने फिलीपींस के विदेश मंत्री से फोन कॉल से पहले क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के साथ मीटिंग की थी. ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद यह पहली मीटिंग थी. चारों देशों ने मिलकर आपसी सहयोग को दोबारा मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई. क्वाड के सदस्य देशों और फिलीपींस ने चीन की बढ़ती ताकत पर चिंता जाहिर की है. विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप के शपथ लेते ही क्वाड की मीटिंग चीन को बड़ा संकेत है. इस मीटिंग के जरिए ट्रंप यह संकेत दे रहे हैं कि चीन से मुकाबला करना उनके प्रशासन की प्राथमिकता होगी.
‘दक्षिण चीन सागर पर नहीं बोल सकता अमेरिका’
मैनालो के साथ बातचीत में रुबियो ने फिलीपींस के साथ ‘अटूट’ प्रतिबद्धताओं को दोहराया, जो दोनों देशों के आपसी रक्षा संधि के तहत हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री ने सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने, आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में उसकी गतिविधियां ‘वाजिब, वैध और आलोचना से परे हैं.’ चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर विवाद का पक्षकार नहीं है और चीन और फिलीपींस के बीच समुद्री मुद्दों में हस्तक्षेप करने का उसे कोई अधिकार नहीं है.
ट्रंप ने चीन को दी चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 फरवरी से आयात पर 10 फीसदी शुल्क लगाने की धमकी दी है. इसके अलावा उन्होंने यूरोपीय संघ पर भी टैरिफ लगाने की धमकी दी है. ट्रंप ने शपथ के एक दिन बाद व्हाइट हाउस में बोलते हुए कहा कि व्यापार असंतुलन को दूर करने और फेंटानाइल तस्करी से निपटने के लिए ऐसे कदम उठाने जरूरी हैं. ट्रंप के टैरिफ निशाने पर सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि मैक्सिको और कनाडा भी हैं. ट्रंप ने दोनों देशों पर 25 फीसदी टैरिफ की चेतावनी दी.