नई दिल्ली: अमेरिकी सत्ता पर दोबारा काबिज होने के बाद से ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान पर नकेल कसने के लिए हर तरीका अपना रहे हैं. हालांकि, अब ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर अधिक दबाव बनाने की रणनीति के तहत भारत और ईरान की दोस्ती पर हमला करना शुरू कर दिया है. अमेरिका ने पहले ईरान के चाबहार पोर्ट पर भारत को दी गई छूट को खत्म करने का फैसला किया है. वहीं, अब भारत की एक कंपनी मार्शल शिप मैनेजमेंट कंपनी और एक भारतीय नागरिक पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने भारतीय कंपनी पर आरोप लगाया है कि भारत चीन को तेल बेचने में ईरान की मदद कर रहा है. वहीं, अमेरिका को यह डर भी सता रहा है कि इजरायल के साथ लड़ाई के बाद अब ईरानी सरकार परमाणु बम बनाने में जुटा है. इसी वजह से अमेरिका का ट्रंप प्रशासन ईरान को घुटने पर लाना चाहता है.
US ट्रेजरी विभाग ने भारत पर नए प्रतिबंधों का किया ऐलान
अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने गुरुवार (6 फरवरी) को नए प्रतिबंधों का ऐलान किया है. इस ऐलान में एक पूरे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को निशाना बनाया गया है. अमेरिका ने कहा कि भारतीय कंपनी ने चीन के साथ करोड़ों डॉलर के तेल व्यापार करने में ईरान की मदद की है. वहीं, इससे पहले मंगलवार (4 फरवरी) को ट्रंप प्रशासन ने ईरान के खिलाफ अधिकतम आर्थिक दबाव बनाने का आदेश दिया था और अब इस भारतीय कंपनी और अधिकारी पर लगाया गया बैन ट्रंप के इसी आदेश क हिस्सा है.
तेल के पैसे से मिसाइल बना रहा ईरान
अमेरिका ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि चीन को यह तेल ईरान की सेना की कंपनी के ओर से भेजे जा रहे थे, जिसपर प्रतिबंध लगा हुआ है. वहीं, इस प्रतिबंध की रेंज में चीन, भारत और यूएई की कई कंपनियां और जहाज भी शामिल हैं.
अमेरिका ने कहा, “ईरान हर साल तेल बेचकर अरबों डॉलर कमा रहा है और पूरे इलाके में अस्थिरता फैलानी वाली गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. वहीं, इसी तेल को बेचकर मिले पैसे से अपने परमाणु प्रोग्राम को आगे बढ़ा रही है. इसके अलावा किलर ड्रोन और मिसाइलें तैयार कर रही है. साथ ही हमास, हिजबुल्लाह और हूतियों की मदद कर रहा है.”