नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट के जरिए दोनों देशों के बीच युद्ध विराम होने का दावा किया है. भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जवाबी कार्रवाई में नए-नए हथियारों की चर्चा हुई. खासकर इन दोनों देशों के पास मौजूद हथियारों के साथ ही दुनिया के कई देशों के पास मौजूद विध्वंसक हथियार चर्चा के केंद्र में हैं.
अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन जैसे देशों के नाम अहम हैं, जिनके हथियार कई देश युद्ध में इस्तेमाल करते हैं. आइए जान लेते हैं कि इन चारों देशों में किसके कौन हथियार बेहतर हैं?
फाइटर जेट का किलर
रूस, अमेरिका, चीन और फ्रांस के पास ऐसे ताकतवर हथियार हैं, जिनसे दुनिया तबाह हो सकती है. रूस के प्योत्र वेलिकी वॉरशिप से दुनिया के ताकतवर से ताकतवर देश भी घबराते हैं. साल 1986 में बनाए गए इस युद्धपोत से बैलेस्टिक मिसाइलों को सेकंडों में मार गिराया जा सकता है. एटमिक पॉवर से चलने वाले इस युद्धपोत को नाटो देश फाइटर जेट्स का किलर तक कहते हैं.
एस-400 मिसाइल सिस्टम
ऐसे ही रूस से खरीदे गए एस-400 मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल भारत की ओर से पाकिस्तानी मिसाइलों के हमले रोकने के लिए किया जा रहा है. इसकी भी अक्सर चर्चा होती है. एस-400 से छोड़ी जाने वाली मिसाइलों की रफ्तार 18 हजार किमी प्रति घंटा बताई जाती है. ऐसे में इसे जब तक रडार पकड़ते हैं, ये तबाही मचा चुकी होती है. यह 400 किमी के दायरे में किसी भी लक्ष्य को भेद सकती है.
रूस के सुपर वेपन
इनके अलावा रूस के पास ऐसी मिसाइलें हैं, जिन्हें सुपर वेपन कहा जाता है. इनमें से एक है 3एम22 जिरकोन, जो रूस की एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. यह रूसी मिसाइल मैक 9 या करीब 6,835 मील प्रति घंटे की रफ्तार से लक्ष्य को भेदती है. इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल एंटी शिप और ग्राउंड अटैक के लिए हो सकता है. इसी तरह से रूसी हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल अवनगार्ड भी परमाणु और पारंपरिक पेलोड ले जाने में सक्षम है. यह दुनिया के किसी भी कोने में 30 मिनट के भीतर हमला कर सकता है. इसकी मारक क्षमता 6000 किमी से ज्यादा है. इसका वजन करीब 2000 किलो है.
समुद्र में सुनामी लाने की क्षमता
रूस की 9एम370 ब्यूरवेस्टनिक भी वास्तव में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली और परमाणु हथियारों से लैस क्रूज मिसाइल है. इसकी रेंज असीमित बताई जाती है. रूस तो यह भी दावा करता है कि दुनिया का कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम इसे नहीं रोक सकता है. वहीं, एयर लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल केएच-47एम2 किंजल भी परमाणु के साथ ही पारंपरिक वारहेड कैरी करने में सक्षम है. इसकी अनुमानित रेंज 460-480 किमी बताई जाती है. इसकी अधिकतम गति मैक-10 है. इसी तरह से परमाणु शक्ति से चलने वाला अनमैंड अंडरवाटर व्हीकल पोसिडॉन से भी पारंपरिक और परमाणु हथियार कैरी किया जा सकता है. यह एक अंडरवाटर ड्रोन है, जो समुद्र में सुनामी ला सकता है.
अमेरिका का अनूठा टैंक
अमेरिका की मिसाइलों, युद्धपोतों को छोड़ भी दें तो इसके द ब्लैक नाइट टैंक को सबसे खतरनाक स्थआनों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि इसे रिमोट से कंट्रोल किया जाता है. 30 एमएम की कैनन और 7.62 एमएम की मशीन गन से लैस इस टैंक की गति 77 किमी प्रति घंटा है. वहीं, अमेरिकी सेना का एडॉप्टिव मिलिटरी क्लॉक किसी भी हथियार को छिपा सकता है, क्योंकि यह एक थर्मल टीवी स्क्रीन की तरह होता है. इसे वाहन के ऊपर लगा दिया जाता है, जिससे उसे पकड़ना मुश्किल हो जाता है. यह इन्फ्रारेड रेज को ब्लॉक कर नाइट विजन डिवाइसेज को भी ब्लॉक कर सकता है.
यूएस के एक्टिव डिनायल सिस्टम इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव निकलती हैं, जो किसी को भी जिंदा जलाने में सक्षम है. वहीं, अमेरिकी एयरफोर्स का जासूसी ड्रोन एमक्यू 9 रीपर 482 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है. यह 500 पाउंड के बम के साथ ही जमीन से हवा और हवा से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइलें कैरी कर सकता है.
दुनिया का सबसे शक्तिशाली एयरक्राफ्ट
दुनिया का सबसे शक्तिशाली एयरक्राफ्ट एम्फीबियस चीन के पास है. एजी600 एम्फीबियस एयरक्राफ्ट जमीन और पानी दोनों ही स्थानों पर टेक ऑफ और लैंड करने में सक्षम है. 4500 किमी अधिकतम रेंज वाला यह एयरक्राफ्ट 50 यात्रियों को भी ले जाने में सक्षम है और 12 घंटे तक हवा में रह सकता है. ऐसे ही चीन का डीएफ-जेडएफ हाइपरसोनिक ग्लाइडर डीएफ-17 मिसाइलों पर लगाया जाता है. इसकी गति 4000 से 7,000 मील प्रति घंटा होती है. दावा किया जाता है कि इसको भी दुनिया का कोई एयर डिफेंस सिस्टम नहीं पकड़ सकता.
एजी600 एम्फीबियस एयरक्राफ्ट जमीन और पानी दोनों ही स्थानों पर टेक ऑफ और लैंड करने में सक्षम है.
चीन का जेडबीडी-05 एम्फीबियस इंफ्रेंट्री फाइटिंग व्हीकल पर भारी से भारी हमले का कोई असर नहीं होता. इस इंफ्रेंट्री फाइटिंग व्हीकल में तीन क्रू मेंबर्स के साथ 12 सैनिक यात्रा कर सकते हैं. यह पानी में भी आठ मील प्रति घंटे की रफ्तार से तैरता है.
फ्रांस के हथियारों का इस्तेमाल भारत भी करता
फ्रांस के कई खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल भारत भी करता है. इनमें से एक है लाइटवेट इन्फैंट्री एंटी टैंक मिसाइल मिलान. भारतीय सेना ने इसकी 34000 यूनिट खरीदी थीं. ऐसे ही एचएएल द्वारा बनाया जाने वाला सिंगल इंजन लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर चेतक वास्तव में फ्रांसीसी है और इसका नाम Aérospatiale Alouette III है. भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच फ्रांस के लड़ाकू विमान राफेल की भी खूब चर्चा हो रही है. राफेल वास्तव में 4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट है, जिसे भारत ने खरीदा है. इसने कई मौकों पर उपयोगिता साबित की है. भारत ने इसे अपने सबसे खतरनाक दुश्मन चीन की सीमा पर तैनात किया है