नई दिल्ली। सीरिया की राजधानी दमिश्क में मौजूद ईरानी दूतावास पर हुए ‘इजराइली हमले’ के बाद अमेरिका और इजराइल को ईरान के जवाबी हमले का डर सता रहा है. ईरानी दूतावास पर हुए हमले में करीब 13 लोगों की मौत हुई थी. जिसमें जनरल मोहम्मद रजा जाहेदी भी शामिल थे, जो ईरानी कुद्स फोर्स के एक वरिष्ठ नेता थे. इस हमले के बाद ईरान ने बदला लेने का ऐलान किया है. लेबनानी न्यूज आउटलेट अल-मायदीन के मुताबिक अमेरिका ने हमले के जवाब में ईरान से अपनी प्रॉपर्टी को निशाना न बनाने की अपील की है.
बता दें क्षेत्र में अमेरिका के कई बेस और दूसरे एसिट मौजूद हैं. गाजा जंग में इजराइल का बिना शर्त साथ देने की वजह से अमेरिका को डर है कि कहीं हमलों के जवाब में ईरान उसके बेस को निशाना न बनाए. ईरानी प्रेसीडेंसी ऑफिस से जुड़े मोहम्मद जमशीदी ने खुलासा किया कि तेहरान ने अमेरिका को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है, अगर अमेरिका ऐसा करता रहा तो इसका खामयाजा वाशिंगटन को भुगताना पड़ सकता है.
अमेरिका को ईरान की चेतावनी
सीरिया में ईरानी दूतावास पर हुए हमले के बाद ईरान ने अमेरिका के टॉप अधिकारियों को लिखित संदेश भेजकर चेतावनी दी है. जिसके बारे में जानकारी देते हुए ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम के सहायक जमशीदी ने एक्स पर लिखा, दूतावास पर हुए हमले के जवाब से पहले एक लिखित संदेश में इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ने अमेरिकी को नेतन्याहू के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है. हमने US से कहा कि वे इस मामले से दूर रहें ताकि आपको नुकसान न हो. उन्होंने आगे ये भी बताया है कि जवाब में अमेरिका ने ईरान से अमेरिकी सुविधाओं को निशाना न बनाने की अपील की है.
अमेरिका ने झाड़ा अपना पल्ला
अल-मायदीन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका का दावा कि वह ईरानी दूतावास पर हुए हमले में शामिल नहीं था. अमेरिका को इजराइल के युद्ध अपराधों में साथ देने के बाद इजराइल पर जवाबी कार्रवाई की वजह से अपनी संपत्तियों को नुकसान पहुंचने का डर सता रहा है. क्योंकि जंग के बाद से इराक, सीरिया और लाल सागर में अमेरिकी संपत्ती को निशाना बनाया जा चुका है.