नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ हमलों से सिर्फ चीन और अन्य देश ही नहीं, अमेरिकी राज्य भी बेहाल हैं। कैलिफोर्निया ने ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को रोकने के लिए संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया है। राज्य का आरोप है कि ट्रंप ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है और इससे न केवल कैलिफोर्निया बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
ट्रंप ने सभी देशों से आने वाले सामानों पर 10% का टैरिफ लगाया है। कुछ देशों के लिए जो अमेरिका के आयात पर ऊंची बाधाएं लगाते हैं, उनके लिए यह दर और ज्यादा है। इसके अलावा, चीन पर 245% का टैरिफ लगाया गया है, हालांकि कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामानों को इससे छूट मिली है। जवाबी कार्रवाई में चीन ने अमेरिका पर 125% टैरिफ लगाया है और यूरोपीय संघ ने भी जवाबी टैरिफ को मंजूरी दी है।
ट्रंप पर अमेरिकी राज्यों के आरोप
कैलिफोर्निया स्टेट द्वारा दायर मुकदमे में कहा गया है कि टैरिफ लगाने का अधिकार संविधान के अनुसार कांग्रेस के पास है, न कि राष्ट्रपति के पास। ट्रंप ने International Emergency Economic Powers Act का हवाला दिया, लेकिन यह कानून राष्ट्रपति को “अपने मन से सभी वस्तुओं पर टैक्स लगाने” की इजाजत नहीं देता। नए टैरिफ्स से शेयर बाजार और बांड मार्केट में भारी गिरावट आई है, जिससे अरबों डॉलर की पूंजी नष्ट हो गई।
टैरिफ की मार से कैलिफोर्निया सबसे बेहाल
कैलिफ़ोर्निया अमेरिका में सबसे ज्यादा सामान आयात करता है और जिसकी 12 बंदरगाहों के जरिए 40% आयात होता है, सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। 2022 में कृषि निर्यात $23.6 बिलियन था, जो अब खतरे में है और इससे हजारों नौकरियों पर असर पड़ सकता है।
वाइट हाउस का जवाब
वाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने कैलिफ़ोर्निया के ऐक्शन पर गवर्नर गैविन न्यूजम पर निशाना साधते हुए कहा, “उन्हें अपने राज्य की अपराध, बेघरपन और महंगाई की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि ट्रंप के टैरिफ्स को रोकने की कोशिश करनी चाहिए।”