वॉशिंगटन: रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच पुतिन की सेना ने न्यूक्लियर हमले से जुड़ा युद्धाभ्यास किया है। इसे ‘तीसरे विश्वयुद्ध’ का युद्धाभ्यास भी कहा जा रहा है। रूस के इस आक्रामकर रुख को देखते हुए अब अमेरिका हाई अलर्ट पर है। बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका उच्च सटीकता वाले टैक्टिकल न्यूक्लियर बमों की यूरोप में आपूर्ति बढ़ाने में लगा है। बुधवार को पुतिन ने जल, थल और वायु सेना के युद्धाभ्यास का निरीक्षण किया। एक रूसी कर्नल के मुताबिक ये ब्रिटेन और अमेरिका को खत्म करने का अभ्यास था।
रूस को जवाब देने के लिए अमेरिकी सेना और नेवी ने हाइपरसोनिक हथियार का टेस्ट किया। इतना ही नहीं अब अमेरिका ने फैसला किया है कि सबसे बुरी स्थिति के लिए तैयार रहते हुए दर्जनों हथियार हफ्ते भर में नाटो के प्रमुख ठिकानों पर भेजे जाएंगे। इन नए हथियारों में B61-12 थर्मोन्यूक्लियर बम हैं, जिन्हें अब तक का सबसे खतरनाक परमाणु उपकरण माना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी क्षमता 50 हजार टन से 300 टन TNT के बीच कंट्रोल की जा सकती है। इसे अब तक का सबसे सटीक हथियार माना जाता है।
यूरोप में हथियार बढ़ाएगा अमेरिका
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के पास बेल्जियम, नीदरलैंड, इटली, जर्मनी और तुर्की के ठिकानों पर लगभग 100 परमाणु हथियार हैं। पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका उन NATO देशों में परमाणु हथियार बढ़ाने की तैयारी कर रहा है, जहां बॉम्बर को अपग्रेड किया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में NATO सहयोगियों के साथ एक प्राइवेट मीटिंग की थी, इसमें कहा था कि हथियार दिसंबर तक आ जाएंगे। बॉम्बर और फाइटर जेट से इन्हें दागा जा सकेगा। पेंटागन के मुताबिक हथियारों का नया वेरिएंट सुनिश्चित करेगा कि हथियारों का भंडार आधुनिक और सुरक्षित हो।
पुराने हथियारों को बदला जा रहा
पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर के मुताबिक पुराने हथियारों को जिम्मेदारी के साथ नए हथियारों से बदला जा रहा है। ये अपग्रेड वर्षों से जारी है। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि अपग्रेड यूक्रेन युद्ध से जुड़ा नहीं है। इन दावों का समर्थन करते हुए अमेरिका रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका के पास पूर्वी क्षेत्रों में शक्ति प्रदर्शन का कोई कारण नहीं है। क्योंकि पुतिन को हमारी ताकत का अंदाजा है। ऑस्टिन ने रूस-यूक्रेन के बढ़ते युद्ध पर चिंता जाहिर की।
अमेरिका को मिटाने का युद्धाभ्यास
लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि संभव है कि 70 साल में पहली बार अब न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल किसी जंग में हो। ऑस्टिन का ये बयान रूस के ऑपरेशन थंडर अभ्यास के बाद आया है। रूस की राष्ट्रीय रक्षा पत्रिका के प्रधान संपादक कर्नल इगोर कोरोटचेंको के मुताबिक रूस ने अमेरिका को नक्शे से मिटाने का युद्धाभ्यास किया है। इगोर ने कहा कि ब्रिटेन अटलांटिक महासागर में डूब जाएगा और अमेरिका की जगह कॉमरेड स्टालिन के नाम पर एक जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) होगा।
जवाबी कार्रवाई का युद्धाभ्यास किया
इगोर ने रूस के अभ्यास को किसी पर हमला नहीं बताया। उन्होंने कहा, ‘ये किसी पर हमले का नहीं, बल्कि रूस पर परमाणु हमले के बाद जवाब देने का युद्धाभ्यास है। रूस पर पहले न्यूक्लियर अटैक कौन करेगा, अमेरिका या ब्रिटेन?’ बुधवार को रूस की ओर से युद्धाभ्यास का वीडियो जारी किया गया। इसमें रूसी सैनिकों को कंप्यूटर के सामने यार्स बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करते हुए दिखाया गया है। एक अन्य फुटेज में अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल को पनडुब्बी से दागा गया। एक बॉम्बर से क्रूज मिसाइल दागने का वीडियो भी देखने को मिला है। रूस ने कहा कि उनका युद्धाभ्यास सफल रहा। मिसाइल ने अपने टारगेट को हिट किया है।
खतरनाक तरीके से बढ़ा है तनाव
इस युद्धाभ्यास के कारण अब पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ रही है। इस बात की चिंता बढ़ने लगी है कि पुतिन कभी भी परमाणु बम दाग सकते हैं। पुतिन ने हाल ही में एक पब्लिक मीटिंग में आरोप लगाया कि पश्चिमी देशों के कारण यूक्रेन युद्ध खत्म नहीं हो रहा है और उन्हीं के कारण खाद्य और ऊर्जा का बाजार अस्थिर हैं।