मणिपुर: मणिपुर में सुरक्षा की बहाली के लिए शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में अमित शाह ने मणिपुर की वर्तमान स्थिति की व्यापक समीक्षा की। बैठक में मुख्य रूप से शांति बहाल करने और राज्य के भीतर लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस बैठक में गृह मंत्री शाह ने सख्ती से आदेश दिया कि हर हाल में 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर मुक्त आवाजाही होनी चाहिए और इसे बाधित करने के किसी भी प्रयास का सख्त जवाब दिया जाएगा।
बता दें 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद पहली बार हुई यह महत्वपूर्ण सुरक्षा समीक्षा बैठक राज्य में अशांति को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की ये बैठक हुई। बैठक के दौरान अमित शाह ने जोर देकर कहा, “केंद्र सरकार मणिपुर में स्थायी शांति बहाल करने और इस संबंध में सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
इसके साथ ही मणिपुर की अंतरराष्ट्रीय सीमा के सामरिक महत्व को देखते हुए, अमित शाह ने सीमा सुरक्षा संबंधी उपायों को बढ़ाने को तत्काल बढ़ाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने सीमा पर निर्धारित प्रवेश बिंदुओं पर बाड़ लगाने के काम में तेजी लाने का आह्वान किया।
केंद्र सरकार की इस पहल का उद्देश्य न केवल क्षेत्र को सुरक्षित करना है, बल्कि अवैध क्रॉसिंग और गतिविधियों से जुड़े जोखिमों को कम करना भी है।
नशीली दवाओं के व्यापार नेटवर्क पर लगाम
इसके अलावा, मणिपुर के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए शाह की रणनीति में जबरन वसूली पर सख्त रुख और नशीली दवाओं के व्यापार में लगे नेटवर्क को खत्म करने की येाजना पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं से जुड़े लोगों को किसी भी हाल में बक्शा नहीं जाएगा।