नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज संसद में दावा किया कि केरल सरकार को 23 जुलाई को संभावित भूस्खलन के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी गई थी। मंगलवार को वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 200 लोग घायल हुए हैं। लापता 180 लोगों के लिए बचाव अभियान जारी है।
गृह मंत्री ने दावा किया कि पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार को वायनाड में भूस्खलन आने से एक सप्ताह पहले ही केंद्र द्वारा चेतावनी दी गई थी। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्य में भारी वर्षा की भविष्यवाणी के बाद केंद्र ने एनडीआरएफ की नौ टीमें केरल भेजी थीं। अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, “केरल में एनडीआरएफ की नौ टीमें पहले ही भेज दी गई थीं। केरल सरकार ने समय रहते लोगों को नहीं निकाला।”
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शाह ने कहा कि देश में वर्ष 2016 से भारी वर्षा, लू, तूफान और बिजली गिरने जैसी आपदाओं के लिए अत्याधुनिक पूर्व चेतावनी प्रणाली है। इस प्रणाली से मिली जानकारी के आधार पर एक सप्ताह पहले पूर्व चेतावनी भेजी जाती है और केरल के मामले में भी सबसे पहले 23 जुलाई और इसके बाद 25 और 26 जुलाई को भी पूर्व चेतावनी राज्य सरकार को भेजी गई जिसमें भारी वर्षा और भूस्खलन की चेतावनी दी गयी थी। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने इन चेतावनियों पर कार्रवाई कर जान माल के नुकसान को बहुत कम करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि गुजरात और ओडिशा इसका उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस प्रणाली के लिए 2000 करोड़ रूपये खर्च किये हैं।
शाह ने बताया, “भारत उन चार देशों में शामिल है जो प्राकृतिक आपदाओं के बारे में कम से कम सात दिन पहले चेतावनी दे सकते हैं।” उन्होंने कहा कि अगर केरल सरकार एनडीआरएफ की टीमों के आने के बाद सतर्क हो जाती तो भूस्खलन के कारण होने वाली मौतों को कम किया जा सकता था। शाह ने कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार वायनाड त्रासदी से निपटने के लिए केरल सरकार और लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।”
मंगलवार रात वायनाड का दौरा करने वाले केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने पहले कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार उच्चतम स्तर पर स्थिति पर नजर रख रही है। माननीय प्रधानमंत्री स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उन्होंने मुझे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए नियुक्त किया है। गृह मंत्रालय के दोनों नियंत्रण कक्ष 24×7 स्थिति पर नजर रख रहे हैं और राज्य को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”