Monday, June 9, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home मुख्य खबर

आज भी राष्ट्रप्रेम जगा देती है अमरेश की कविताएं

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
12/06/22
in मुख्य खबर
आज भी राष्ट्रप्रेम जगा देती है अमरेश की कविताएं
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter
  • जनपद के कालजई साहित्यकार कवि अमर बहादुर सिंह ‘अमरेश’ की 43वीं पुण्यतिथि आज
  • एक मार्च 1929 को पूरे रूप मजरे कंदरावा में हुआ था जन्म
  • मलिक मोहम्मद जायसी राना बेनी माधव और महावीर प्रसाद द्विवेदी के जीवन को समाज के सामने रखा था

रायबरेली। साहित्यकार अमर बहादुर सिंह ‘अमरेश’ कि आज 43वीं पुण्यतिथि है। आज ही के दिन उनका जीवन पूर्ण हुआ था। पेशे से नायब तहसीलदार रहे अमरेश जी की कविताएं आज भी राष्ट्रप्रेम जगा देती हैं। महात्मा गांधी की हत्या के बाद 13 दिन तक व्रत धारण करके 13 कविताएं लिखीं। उनमें एक रचना-‘दिल्ली तू कैसे देख सकी बापू की खून भरी छाती’ सुनकर सभाओं में लोग रोने लगते थे। विभिन्न विधाओं में कालजयी साहित्य लिखने वाले अमरेश जी को आज जनपद भुल सा चुका है।

कॉलोनी तो बस आई गई लेकिन यादें सुरक्षित नहीं

रायबरेली विकास प्राधिकरण ने अमर बहादुर सिंह अमरेश की स्मृति में शहर में कानपुर रोड पर वर्ष 1978 में अमरेश पुरी कॉलोनी बसाई। यह आज शहर की पॉश कॉलोनी मानी जाती है मेकिंग कॉलोनी करना तो अपना कोई भव्य गेट है और ना ही यहां अमरेश जी के जीवन वृत्त को प्रदर्शित करने वाला कोई शिलालेख। इससे अमरेश जी का नाम तो जीवित है लेकिन उनके जीवन वृत्त से नई पीढ़ी अपरिचित है।

1 मार्च 1929 को ऊंचाहार तहसील के पूरे रूप मजरे का निरहुआ में जन्म लेने वाले अमरेश जी बाल्यकाल से ही कविताएं लिखने लगे थे। पहली कविता नागरिक कक्षा उन्होंने कक्षा तीन में पढ़ते हुए लिखी थी। अपने जीवन के प्रारंभिक दौर में कालजई कविताएं लिखने वाले अमरेश जी उपन्यास और एकांकी, बालोपयोगी साहित्य लिखने के साथ-साथ संपादन कार्य से भी जुड़े रहे। हिंदी दैनिक स्वतंत्र भारत में उनका स्तंभ ‘गांव की चिट्ठी’ काफी लोकप्रिय रहा। जीवन के आखिरी वक्त तक वह स्वतंत्र भारत में इस कॉलम के लिए लिखते रहे।

बाद में उनका जीवन एक अनुसंधानकर्ता के रूप में भी सामने आया। उन्होंने जनपद की पहचान सूफी काव्य धारा के जनक माने जाने वाले मलिक मोहम्मद जायसी, स्वाधीनता संग्राम के महान शूरवीर राणा बेनी माधव और हिंदी के युग प्रवर्तक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पर भी लेखनी चलाई। एक अनुसंधानकर्ता के रूप में उनकी जायसी पर लिखी किताबें ‘कहरानामा’, ‘मसलानामा’, ‘राणा बेनी माधव’ और ‘आचार्य द्विवेदी गांव में’ काफी पसंद की गई।

जनपद के साहित्यिक आकाश के चमकते सितारे अमर बहादुर सिंह को आज जनपद भूल सा चुका है। उनकी यादें धुंधला गई हैं। कवि दुर्गाशंकर वर्मा दुर्गेश कहते हैं कि ऐसे कालजई साहित्यकार के साहित्य को पुर्नप्रकाशित कर समाज के सामने लाने की आवश्यकता है। शबिस्ता बृजेश ने कहा कि अमरेश जी की यादें जनपद के हिंदी साहित्य की धरोहर हैं।उनके पुत्र अशोक सिंह उनका साहित्य संजोए हुए हैं। वह किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश में है जो इस साहित्य की धरोहर को आगे बढ़ा सके।

 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.