सर सैयद ने आधुनिक भारतीय इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
देहरादून। अलीगढ़ मुस्लिम विवि के पूर्व छात्र संघ ने ओएनजीसी ऑफिसर्स क्लब में सर सैयद अहमद खान की 206वीं जयंती जोश और उत्साह के साथ मनाई।
मुख्य अतिथि प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षाविद् और एएमयू कोर्ट के सदस्य डॉ. एस. फारूक ने कहा कि सर सैयद दिवस के अवसर पर दुनिया भर में रहने वाले सभी अलीग उस महान व्यक्ति को याद करने के लिए एकत्र हुए, जिनके समर्पण और अथक परिश्रम ने कई लोगों की नियति बदल दी और निरक्षरता का पर्दा उठाने के लिए उन्होंने जो बीज बोया वह बढ़ता रहेगा|
लाखों लोगों को देश का उत्पादक नागरिक बनने का ज्ञान प्रदान करेगा। डॉ.फारूक ने कहा कि सर सैयद खान (1817-1898) उन्नीसवीं सदी के प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक थे और निस्संदेह आधुनिक भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे जिन्होंने आधुनिक भारतीय इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई|
सर सैयद एक महान दूरदर्शी थे और राष्ट्रवाद और शासन पर उनके विचार उनसे काफी आगे थे। मुख्य अतिथि ने आगे कहा कि सर सैयद अहमद खान एक उत्कृष्ट व्यक्ति थे और आज की जरूरत यह है कि समुदाय की आत्मघाती पतन की यात्रा को रोकने के लिए एक और सर सैयद की जरूरत है, जिसके लिए उन्होंने अपनी जान दे दी… लेकिन अफसोस! ऐसा चमत्कार कई सालों में एक बार होता है।
इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष ए.के.गर्ग, सीनियर अलीग एसएसए नकवी, इकबाल अहमद, डॉ. सुहेला अहमद, अनवर कमाल, एमसी गुप्ता ने भी सर सैयद के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अजय कुमार गर्ग, डॉ. साजिद जमाल, समन्वयक इकबाल अहमद, नफीस अहमद, डॉ. आर.एच. सिद्दीकी, डॉ. (सुश्री) सुहेला अहमद, डॉ. मुख्तार अहमद, एर एम.सी.गुप्ता, डॉ. आई.ए. खान, जुनेद अंजुम आदि उपस्थित थे।