प्रयागराज: महाकुंभ मेला भारत का एक अद्वितीय और ऐतिहासिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन है, जो विश्व भर के लोगों का ध्यान आकर्षित करता है। यह आयोजन हर 12 साल में चार अलग-अलग स्थानों—प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—में होता है। इसे मानव सभ्यता का सबसे बड़ा समागम माना जाता है, जहां लाखों-करोड़ों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाने और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने के उद्देश्य से एकत्रित होते हैं।
क्यों है विश्व भर में प्रसिद्ध?
1. धार्मिक महत्व
महाकुंभ का उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है। इसे अमृत मंथन से जुड़े पौराणिक घटनाक्रम से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. अभूतपूर्व जनसमूह
महाकुंभ में हर वर्ग, जाति, और धर्म के लोग भाग लेते हैं। यह आयोजन विश्व का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जनसमूह माना जाता है, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया है।
3. आध्यात्मिकता और संस्कृति
संत-महात्माओं, साधु-संतों और अखाड़ों की भागीदारी इस आयोजन को विशेष बनाती है। यहां विभिन्न परंपराएं, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक गतिविधियां देखने को मिलती हैं।
4. वैज्ञानिक और सामाजिक आकर्षण
महाकुंभ में स्नान का वैज्ञानिक आधार भी बताया गया है। कहा जाता है कि इस दौरान नदियों के जल में सकारात्मक ऊर्जा और औषधीय गुण बढ़ जाते हैं।
5. वैश्विक मान्यता
महाकुंभ केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों, शोधकर्ताओं और पत्रकारों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसे यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा भी दिया गया है।
महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और एकता का प्रतीक भी है। यही कारण है कि इस आयोजन पर विश्व भर की नजरें टिकी रहती हैं।