नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)चीफ ममता बनर्जी ने 2026 के विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उनके इस फैसले के बाद टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया है कि पार्टी गठबंधन की मजबूती के लिए अपने जनाधार से समझौता नहीं करेगी।
टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की स्थिति ऐसी हो गई है कि उसका कोई जनाधार नहीं बचा है। उन्होंने कांग्रेस को ‘डूबता जहाज’ बताया और कहा कि पार्टी अपने सहयोगियों के साथ विश्वासघात कर रही है। उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस आम आदमी पार्टी (आप) के साथ मिलकर चुनाव लड़ती, तो बीजेपी को रोका जा सकता था।
‘गठबंधन की कीमत पर नहीं देंगे समर्थन’
टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने कहा कि ममता बनर्जी का फैसला पार्टी का निर्णय है और यह स्पष्ट है कि टीएमसी अकेले ही बीजेपी को हराने में सक्षम है। उन्होंने कहा,’हमने पिछले लोकसभा चुनाव में 42 में से 29 सीटें जीती थीं और अगली बार यह आंकड़ा और बेहतर होगा। हम किसी भी हाल में अपने नुकसान पर विपक्षी गठबंधन को मजबूत नहीं कर सकते।’
समाजवादी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रतिक्रिया
उधर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने ममता बनर्जी के फैसले का समर्थन किया और कहा कि टीएमसी बंगाल में बीजेपी को पूरी तरह खत्म कर देगी। वहीं,झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सांसद महुआ माजी ने कहा कि राजनीति में समीकरण बदलते रहते हैं और चुनाव से पहले स्थिति अलग हो सकती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में है और सरकार मजबूत स्थिति में है।
कांग्रेस नेता उज्जवल रमन सिंह ने ममता बनर्जी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हर पार्टी को अपने राजनीतिक निर्णय लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक का गठन राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी का मुकाबला करने के लिए हुआ था और राज्यों में स्थिति अलग हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन के भविष्य की रणनीति पर फैसला वरिष्ठ नेतृत्व लेगा।
बीजेपी और उसके सहयोगियों की क्या सोच है?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद लाहर सिंह सिरोया ने ममता बनर्जी को विपक्ष की सबसे ताकतवर नेता बताया और कहा कि कांग्रेस को उनकी काबिलियत को पहचानना चाहिए था। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी ममता बनर्जी के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले का समर्थन किया, लेकिन साथ ही यह दावा किया कि अगली सरकार बीजेपी की बनेगी।
टीएमसी की भविष्य की रणनीति
ममता बनर्जी ने पहले यह संकेत दिए थे कि वह इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व कर सकती हैं और विपक्ष को एकजुट करने की जिम्मेदारी निभा सकती हैं। हालांकि,उनके हालिया बयान से लगता है कि टीएमसी फिलहाल बंगाल में अपनी स्थिति को मजबूत करने पर ज्यादा फोकस करना चाह रही है।