नई दिल्ली। तीन विवादित कृषि कानून वापस लेने के बाद अब केंद्र सरकार नई योजना पर आगे बढ़ रही है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में 6,865 करोड़ रुपये की लागत से 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की योजना तेजी से आगे बढ़ रही है।
तोमर ने सोमवार को सीआईआई-एनसीडीईएक्स एफपीओ समिट का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए कहा कि इनसे करोड़ों छोटे किसानों को बहुत सुविधा होगी, इससे खेती में उनकी लागत में काफी कमी आएगी, साथ ही उनके उत्पादों की गुणवत्ता वैश्विक मानदंडों के अनुरूप बढ़ेगी और कृषि निर्यात भी बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि एफपीओ का और विस्तार करने की जरूरत है क्योंकि हमारे देश में अधिकांश छोटे किसान हैं और इन्हें आगे बढ़ाने में यह बहुत ही कारगर योजना है। एफपीओ के माध्यम से किसान संगठित होकर अपनी खेती कर सकते हैं, सामूहिक रूप से उपकरण तथा खाद्यान्न खरीद सकते हैं। टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सकते हैं, जिससे निश्चित रूप से उत्पादन लागत कम होगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि एफपीओ से कृषि क्षेत्र की ओर नए लोग आकर्षित होंगे तथा कृषि क्षेत्र में पढ़े-लिखे लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकेंगे, इस संबंध में प्रगति की मंशा सरकार की है। इसमें सभी संगठनों से सहयोग की अपेक्षा भी तोमर ने जताई।
तोमर ने कहा कि सरकार कृषि को लाभप्रद और किसानों को समृद्धशाली बनाने के लिए सतत् प्रयत्नशील है। सरकार की कोशिश है कि किसानों तक वित्त पहुंचे, उत्पादों की बाजार से सम्बद्धता बने, बिचौलियों की समाप्ति तथा फसल विविधीकरण हो। किसान महंगी फसलों की ओर जाएं, टेक्नोलॉजी से जुड़ें, उनके उत्पादों की गुणवत्ता अच्छी हो जिससे वे वैश्विक मानदंडों के आगे टिक सकें और अपने देश के कृषि उत्पादन को बढ़ाने में भी वे योगदान दे सकें।
उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसान और कृषि क्षेत्र में रुचि रखने वाले सभी लोग इस दिशा में तेजी के साथ प्रयत्न कर रहे हैं, जिसका परिणाम भी आज हम सबको परिलक्षित हो रहा है। अधिकांश कृषि उत्पादों के मामले में हम दुनिया में पहले या दूसरे पायदान पर हैं। कोविड जैसी महामारी के दौर में भी हमारे कृषि क्षेत्र की प्रगति हम सबको उत्साहित करने वाली है। कृषि ने प्रतिकूलताओं में भी अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है, जो और अधिक ताकत से हमको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
खबर इनपुट एजेंसी से