इंदौर : शनिवार को इंदौर जिला न्यायालय में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें कुल 64 खंडपीठों का गठन किया गया। इंदौर में लोक अदालत के चलते नगर निगम मुख्यालय और सभी झोनलों पर लोगों की खासी भीड़ उमड़ी। दिनभर में जमा हुई राशि की गणना देर रात तक चलती रही और निगम अधिकारियों के मुताबिक 43 करोड़ की राशि का मिलान हो चुका है लेकिन अभी भी बड़े पैमाने पर कई पोस्टिंग बाकी है और दोपहर बाद तक यह आंकड़ा और बढन की संभावना है।
नेशनल लोक अदालत में अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार कुल निराकृत प्रकरणों की संख्या 11 हजार 207 थे । अदालत में कुल अवार्ड राशि 43 करोड़ 86 लाख 53 हजार 751 रुपये जमा हुई। वहीं, प्रदेश के सभी महानगरो में यातायात ई- चालान के प्रीलिटिगेशन प्रकरण नेशनल लोक अदालत में रखे जाने लगे। वहीं, लंबित रेफर्ड प्रकरणों की कुल संख्या 14 हजार 389, निराकृत लंबित प्रकरणों की कुल संख्या दो हजार 429, प्री लिटिगेशन रेफर्ड प्रकरणों की कुल संख्या 38 हजार 96 और निराकृत प्री-लिटिगेशन प्रकरणों की कुल संख्या आठ हजार 540 है। इसी तरह अन्य प्रकरणों का निराकरण किया गया। चेक बाउंस एवं मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित एक दिन में कुल एक हजार 121 प्रकरण निराकृत हुए। जिनका निराकरण नियमित न्यायालय में एक वर्ष से अधिक अवधि में भी होना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में इंदौर नगर निगम को 43 करोड रुपए की आय हुई है। अभी संपत्ति कर का नया खाता खोलने वाले 5000 मामलों की पोस्टिंग का कार्य बाकी है। इसके बाद यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा। लोक अदालत का आयोजन जब भी होता है तो बकाया टैक्स पर नागरिकों को ब्याज में छूट मिलती है। यह छूट ही लोगों को बकाया राशि जमा करने के लिए प्रोत्साहित करती है। नगर निगम के द्वारा इस लोक अदालत के लिए काफी तैयारी की गई थी। पहले से ही बकायादार व्यक्तियों को मोबाइल पर एसएमएस भेजकर यह सूचना दे दी गई थी कि उन पर कितनी राशि बकाया है। उनकी संपत्ति का क्रमांक कितना है और यदि वे लोग लोक अदालत में इस राशि को जमा करते हैं तो उन्हें कितने रुपए की छूट मिल जाएगी। यह सूचना देते हुए नगर निगम के द्वारा अधिक से अधिक राशि जमा करवाने की कोशिश की जा रही थी। इस लोक अदालत के लिए निगम की ओर से 45 करोड रुपए का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया था।
इस लक्ष्य का मुकाबला करते हुए कल रात तक नगर निगम 43 करोड रुपए का राजस्व अर्जित करने में सफल रहा है। अभी 5000 ऐसे मामलों की पोस्टिंग होना बाकी है जिसमें की संपत्ति कर के नए खाते खोले गए हैं। इन मामलों की पोस्टिंग जब हो जाएगी तो इन खातों में जमा की गई राशि भी इस राजस्व की राशि में जोड़ी जाएगी। इसके बाद में कमाई का यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ जाएगा।
इन प्रकरणों का भी हुआ निराकरण
चेक बाउंस – 597, मोटर दुर्घटना दावा – 524, आपराधिक राजीनामा – 644, पारिवारिक प्रकरण – 106, बैंक रिकवरी – 726, व्यवहार वाद– 424, विद्युत अधिनियम – 1134, श्रम विभाग – 20, ई-ट्रैफिक चालान – 557,जलकर एवं संपत्ति कर – 6540 अन्य प्रकरण – 147