लखनऊ: तीन साल के इंतजार के बाद पहली बार बीजेपी नेता अपर्णा यादव को कोई जिम्मेदारी मिली है। उन्हें यूपी महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। चर्चा है कि अपर्णा इस पद से नाखुश हैं। हालांकि यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कहना है कि सोमवार को अपर्णा यादव पदभार ग्रहण करेंगी। वह नाराज नहीं हैं। इस बीच, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बगैर अपर्णा का नाम लिए बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने बीजेपी को अंदरूनी अविश्वास का शिकार बता दिया है।
अपने X हैंडल पर अखिलेश ने लिखा है – ’46 में 56 का हास्यास्पद और अपुष्ट दावा करनेवाले, ऊपर से लेकर नीचे तक सभी प्रमुख पदों पर 100 में 100 अपने ही लोग बैठाए हुए हैं। क्या वो अपने से इतर ‘औरों’ को इन पदों के लिए योग्य नहीं समझते हैं या फिर सिर पर लटकी हुई दिल्ली की तलवार की वजह से किसी को विश्वास योग्य नहीं समझते हैं। बीजेपी अंदरूनी अविश्वास का शिकार है। पदस्थापना, कार्रवाई, निर्णय और आदेश का आधार न्याय होना चाहिए, जाति नहीं।’ गौरतलब है कि अपर्णा यादव उनके छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी हैं।
2022 विधानसभा चुनाव से पहले सपा छोड़ दिया था
आपको बता दें कि अपर्णा यादव 2017 में लखनऊ की कैंट सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने उन्हें मात दी थी। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले अपर्णा यादव ने पाला बदलते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था। तब चर्चा थी कि बीजेपी उनको विधानसभा चुनाव लड़ा सकती है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। विधानसभा चुनाव, नगर निगम चुनाव और हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में अपर्णा यादव ने बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार किया था।