पटना: CM नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर गंभीर है। इसको लेकर शिक्षकों की नियुक्ति का पैमाना बदला गया और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई। बिहार में बीपीएससी के द्वारा शिक्षकों की रिकॉर्ड बहाली की गई है। बीपीएससी द्वारा ली गई पारदर्शी परीक्षा पद्धति की जमकर तारीफ हो रही है। अभी तक बीपीएससी से चयनित ढाई लाख से अधिक सरकारी शिक्षक बहाल हो चुके हैं और तीन चरणों की शिक्षक बहाली हो चुकी है। आगे भी शिक्षकों की बहाली होगी।
इतनी अधिक संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति करके बिहार ने देशभर में एक नया कीर्तिमान बनाया है। राज्य में विद्यार्थी:शिक्षक अनुपात में जबरदस्त सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार में सत्ता संभालने के वक्त वर्ष 2005 में राज्य में विद्यार्थी-शिक्षक का अनुपात 65:1 था जो अब 35:1 हो गया है।
बिहार में कुल 75 हजार सरकारी विद्यालय हैं, जिसमें कक्षा एक से लेकर 12वीं तक शिक्षा दी जाती है। इन सरकारी विद्यालयों में लगभग 1.80 करोड़ छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की चयन प्रक्रिया एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर पहले कई सवाल उठते रहे हैं, वहीं शिक्षक नियुक्ति की कमान सरकार ने बीपीएससी को सौंपकर अब इस शिकायत को भी दूर करने का प्रयास किया है।
बीपीएससी के माध्यम से शिक्षक नियुक्ति के पहले चरण में अक्टूबर, 2023 में करीब सवा लाख से अधिक शिक्षकों का चयन किया गया था। 2 नवंबर, 2023 को पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा गया था। वहीं सवा लाख शिक्षकों को स्कूलों में तैनात करने के बाद सरकार ने फिर से बंपर बहाली निकाली और दूसरे चरण में 90 हजार से अधिक नये शिक्षकों का और चयन किया।
13 जनवरी, 2024 को 94 हजार 52 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा गया। बिहार ने दो चरणों में ही सवा दो लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली कर नया इतिहास रचा है। बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी बिहार में शिक्षक नियुक्त हुए हैं। अब बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति के तीसरे चरण का भी परिणाम घोषित कर दिया गया है। एक से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए कुल 38 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा में सफलता हासिल की है।
शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का सफल आयोजन
बीपीएससी ने रिकॉर्ड समय में शिक्षक भर्ती परीक्षा का सफल आयोजन किया। इसमें रिकॉर्ड संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए। बीपीएससी द्वारा 24 अगस्त से 26 अगस्त, 2023 को आयोजित पहले चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में 8 लाख 15 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। 1 लाख 70 हजार 461 खाली पदों को भरने के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। बिहार के 876 केंद्रों पर यह परीक्षा दो पालियों में हुई थी। इसके बाद बीपीएससी के द्वारा 1 लाख 22 हजार 286 पदों के लिए दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया है। दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन 7 दिसंबर से 15 दिसंबर तक किया गया।
8 लाख 50 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। इस परीक्षा में 1 लाख 10 हजार अभ्यर्थी सफल हुए जिन्हें 13 जनवरी, 2024 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों नियुक्ति पत्र सौंपा गया। बीपीएससी ने तृतीय शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के प्राथमिक और मध्य विद्यालय का परिणाम 15 नवंबर, 2024 को जारी किया है। वर्ग 1-8 में 38 हजार 900 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। इसमें कक्षा 1 से 5 तक के लिए 21 हजार 911 जबकि कक्षा 6 से 8 के लिए 16 हजार 989 अभ्यर्थी पास हुए। परीक्षा का आयोजन जुलाई में राज्यभर में अलग-अलग केंद्रों पर किया गया था जिसमें 5 लाख से भी अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय औसत के बराबर
बिहार में शिक्षकों की संख्या में बंपर इजाफा हुआ है। इससे पहले वर्ष 2006-07 से वर्ष 2018-19 तक राज्य के प्राथमिक स्कूलों में कुल 3 लाख 19 हजार 700 पंचायत एवं नगर शिक्षक थे। वहीं वर्ष 2022 में 42 हजार प्राथमिक शिक्षक नियुक्त किए गए थे। अब ढाई लाख से अधिक बीपीएससी के द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति के बाद राज्य में विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात 35:1 हो गया है। जो राष्ट्रीय विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात के बराबर है। 2 लाख शिक्षकों की नियुक्ति से पहले बिहार में विद्यार्थी-शिक्षक का अनुपात 45:1 था जबकि वर्ष 2005 में विद्यार्थी-शिक्षक का अनुपात 65:1 था। खास बात यह है कि इन नवनियुक्त शिक्षकों की तैनाती ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में हुई है। कुल चयनीत शिक्षकों में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
सक्षमता परीक्षा पास कर नियोजित शिक्षक बन रहे हैं सरकारी शिक्षक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति के साथ-साथ पढ़ाई की गुणवत्ता को भी प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 नवंबर, 2023 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करने पर सरकारी शिक्षक बनाने का ऐलान किया था। सक्षमता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षकों को सरकारी शिक्षक का दर्जा दिया जा रहा है।
बिहार में 3 लाख 68 हजार नियोजित शिक्षकों में से बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में 28 हजार 815 नियोजित शिक्षक पहले ही सफल हो चुके हैं। नियोजित शिक्षकों के सरकारी शिक्षक बनने के लिए सक्षमता परीक्षा में 5 अवसर दिए जा रहे हैं। 20 नवंबर, 2024 को सक्षमता परीक्षा पास कर 1 लाख 14 हजार 138 नियोजित शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र दिया गया है। साथ ही इन्हें विशिष्ट शिक्षक का नाम भी दिया गया है। मुख्य समारोह का आयोजन पटना में किया गया था। वहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सांकेतिक रूप से कुछ शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया था। नियुक्ति पत्र वितरण के लिए जिलों में भी समारोह आयोजित किए गए थे।