नई दिल्ली। लोकतंत्र के मंदिर यानी देश की संसद में पहुंचने के लिए होने वाले चुनाव में धन और बाहुबल का बोलबाला है। लोकसभा चुनाव में जो जितना धनवान और बाहुबल यानी आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार हैं, उनके जीत की संभावना उतनी ही अधिक प्रबल होती है। इसका खुलासा देश की राजनीति और चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने वाले गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स’ (ADR) की रिपोर्ट से हुआ है। इस रिपोर्ट के विश्लेषण से पता चला है कि लोकसभा के हर चुनाव में करोड़पति और आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की जीत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के चुनाव में लोकसभा की कुल 543 में से 454 यानी 88 फीसदी सीटों पर करोड़पति उम्मीदवारों को जीत मिली। जबकि 266 यानी 43 फीसदी सीटों पर आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को लोगों ने चुनाव में जिताया।
एडीआर की रिपोर्ट को देखने से साफ बता चलता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी धन और बाहुबल वाले उम्मीदवारों की जीत की संभावना अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में कुल 7,945 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। इनमें 29 फीसदी यानी 2301 उम्मीदवार करोड़पति थे, जबकि 19 फीसदी यानी 1503 उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले थे, जिनके खिलाफ एक या इससे अधिक आपराधिक मुकदमा दर्ज थे। 2024 के चुनाव में भी 2019 की तरह करोड़पति और अपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की संख्या में कमी नहीं हुई।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने करोड़पति और आपराधिक छवि वाले लोगों पर भरोसा जताया है। इस चुनाव के पहले दो चरणों के लिए 189 सीटों के लिए मतदान हुआ है और इन सीटों में चुनाव लड़ने वाले 2,810 उम्मीदवारों में 18 प्रतिशत यानी 501 आपराधिक छवि वाले और 30 फीसदी यानी 840 करोड़पति उम्मीदवार हैं।
पहले चरण की तुलना में दूसरे में अधिक करोड़पति
इस लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 सीटों के लिए 19 अप्रैल को हुए मतदान के लिए 16 फीसदी आपराधिक छवि वाले 28 फीसदी करोड़पति उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, जबकि दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को हुए मतदान के लिए 21 फीसदी आपराधिक छवि वाले और 33 फीसदी करोड़पति उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। अभी 2024 के चुनाव का अन्य चरणों के उम्मीदवारों के बारे में रिपोर्ट मिलना बाकी है।
किसकी कितनी जीत की संभावना
रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार के चुनाव जीतने की संभावना 15.5 फीसदी थी, जबकि साफ छवि वाले उम्मीदवारों की जीत की संभावना महज 4.7 फीसदी थी। 2019 में करोड़पति उम्मीदवार के चुनाव जीतने की संभावना 21 फीसदी थी, जबकि एक करोड़ से कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों की जीतने की संभावना महज एक फीसदी रही। महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, गोवा, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश सहित 14 राज्यों में सभी करोड़पति चुनाव जीते। उत्तर प्रदेश में 97 फीसदी, बिहार में 95 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 74 फीसदी, गुजरात में 92 फीसदी और झारखंड से 93 फीसदी करोड़पति को चुनाव में जीत मिली थी।