नई दिल्ली: क्या आप अपने स्मार्टफोन के साथ बहुत अधिक समय बिताते हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। आजकल, हम सभी अपने फोन पर बहुत अधिक समय बिताते हैं। खबरों से लेकर सोशल मीडिया तक, सब कुछ हमारी उंगलियों के इशारे पर उपलब्ध है। लेकिन, यह सब हमारे मानसिक स्वास्थ्य और प्रोडक्टिविटी को कम कर सकता है। इसके लिए आप डिजिटल वेलबीइंग की मदद ले सकते हैं।
डिजिटल वेलबीइंग क्या है?
डिजिटल वेलबीइंग एक ऐसा तरीका है जिसकी मदद से हम टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बैलेंस कर सकते हैं। यह हमें यह समझने में मदद करता है कि हम अपने फोन का उपयोग कैसे और कितना करते हैं, और हमें अपने जीवन में संतुलन बनाने में मदद करता है। सभी एंड्रॉयड यूजर्स को इस फीचर का ऐक्सेस सेटिंग्स सेक्शन में मिलता है।
अपने फोन का यूजेस ट्रैक करें
ज्यादातर स्मार्टफोन में एक डिजिटल वेलबीइंग फीचर मिलता है, जो आपको यह देखने में मदद करता है कि आप अपने फोन को कितना यूज करते हैं। आप यह देख सकते हैं कि आप कौन से ऐप्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और आप कितने वक्त तक के लिए स्क्रीन देखते हैं।
नोटिफिकेशंस मैनेज करें
नोटिफिकेशंस हमें हर वक्त परेशान करते रहते हैं। आप उन ऐप्स के नोटिफिकेशंस को बंद कर सकते हैं जिनका उपयोग आप बहुत ज्यादा करते हैं।
स्क्रीन टाइम लिमिट्स सेट करें
आप अपने फोन पर कुछ ऐप्स के लिए स्क्रीन टाइम लिमिट्स सेट कर सकते हैं। ऐसा करने के बाद जब आप अपनी तय लिमिट तक पहुंच जाते हैं, तो आपका फोन आपको नोटिफिकेशन दिखाकर ऐप बंद करने के लिए करेगा।
डिजिटल डिटॉक्स का दिन तय करें
सप्ताह में एक दिन अपने फोन का इस्तेमाल ना या कम से कम करने की कोशिश करें। आप किताब पढ़ सकते हैं, कहीं घूमने जा सकते हैं या फिर दोस्तों और परिवार के साथ वक्त बिता सकते हैं।
सोने से पहले फोन का उपयोग ना करें
नींद के लिए एक अच्छी आदत है कि सोने से कम से कम एक घंटे पहले अपने फोन का उपयोग ना करें। स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू रेज नींद को प्रभावित कर सकती हैं। यानी कि फोन का ज्यादा इस्तेमाल आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है।