आरिफ खान के अनुसार आर्थिक, मानसिक और शारीरिक तौर पर 63 वर्षीय एक बुजुर्ग सन्दीप शाह (काल्पनिक नाम) जो की एक सभ्य परिवार के सदस्य हैं बुढ़ापे में बिल्कुल अकेले हैं, उनकी देखभाल करने वाला कोई नही है।
काफी समय से हर्निया से पीड़ित थे और एक तो बेरोजगारी, बुढापा और हर्निया के चलते ज्यादा बोझ न उठाने मे असमर्थ और ज्यादा पढ़ा लिखा न होने से कहीं काम न कर पाने के चलते पैसे के अभाव मे ऑपरेशन कराने मे असमर्थ थे ने जब आरिफ खान को अपनी पीड़ा बताई तो उन्होने अपने स्तर से इनका ऑपरेशन कराने का आश्वासन दिया और कुछ पैसे देकर सुभारती हॉस्पिटल भेज दिया।
समाज सेविका आशा रावत ने खुद वहां मौजूद न होते हुए भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए उनके सभी चेकअप कराए और उनको सुभारती हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया, जहां उन्का इलाज और ऑपरेशन निःशुल्क होना था, मगर दवाइयों के पैसे देने थे और सब दिन से उन सज्जन को दवाइयां देकर उनका बीपी नॉर्मल किया जा रहा था|
इसी बीच पता लगा कि उनकी सर्जरी के दौरान उनको ह्रदयरोग समस्या भी हो सकती हैं इसके लिए उनके ह्रदय सम्बन्धी टेस्ट भी दून मेडिकल कॉलेज मे करवाये गए जहां पर छोटी सी दुनिया के संस्थापक समाज सेवी विजयराज मददगार साबित हुए सब कुछ नॉर्मल आने के बाद भी उनका बीपी नॉर्मल करने मे समय लगा, और फाइनली 21 अक्टबर को उनके हर्निया का ऑपरेशन कर दिया गया, अब वो एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। आरिफ खान ने यह भी बताया कि बुजुर्ग के ठीक होने के बाद अब उनके रहने खाने और और व्रद्धा पेंशन की व्यवस्था की जा रही है।