जयपुर : चेहरे अलग हों, दल अलग हों कोई बात नहीं. अगर किसी एक का फॉर्म्यूला चुनावी पिच पर कारगर साबित हुआ तो दूसरे नकल करना शुरू कर देते हैं. दरअसल राजस्थान में अशोक गहलोत पांच गारंटी की बात कर रहे हैं. उन पांच गारंटी में से एक का जिक्र करेंगे जिसका वास्ता यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से भी है. राजस्थान के मतदाताओं का हाथ कांग्रेस के साथ बना रहे इसके लिए अशोक गहलोत पूरी कोशिश कर रहे हैं.
उस क्रम में उन्होंने वचन दिया है कि अगर कांग्रेस दोबारा चुनाव जीतकर आती है तो ग्रेजुएशन में जाने वाले छात्रों को लैपटॉप या टैबलेट देंगे. यहां पर हम यह बताने की कोशिश करेंगे कि क्या यह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की स्कीम की नकल है. क्या इस तरह की स्कीम से योगी आदित्यनाथ को दोबारा सत्ता में आने में मदद मिली. क्या इससे गहलोत सरकार को फायदा होगा.
योगी आदित्यनाथ का यह था वादा
पहले बात करते हैं योगी आदित्यनाथ सरकार की. 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले वे चुनावी सभाओं में वादा करते थे. वादा यह था कि अगर दोबारा बीजेपी की सरकार आई तो 10वीं और 12वीं पास छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए लैपटॉप या टैबलेट देंगे. क्या इसका फायदा हुआ. अब अगर यूपी सरकार को देखें तो योगी आदित्यनाथ सत्ता पर एक बार फिर काबिज हैं. लेकिन विधायकों की संख्या देखें तो 2017 के मुकाबले उसमें कमी आई है. हालांकि चुनावी गणित तो मैजिक नंबर के ईर्द गिर्द ही घूमती है. अब ऐसे में संख्या भले ही 2017 के मुकाबले कम हो पर यह बात तो सच है कि मौजूदा समय में बीजेपी के पास मैजिक नंबर से कहीं अधिक विधायक हैं.