बेंगलुरु: पिछले कुछ साल में काफी सफल रहे ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा का कहना है कि भारत के खिलाफ नागपुर में 9 फरवरी से शुरू हो रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज में रविचंद्रन अश्विन की अगुवाई में भारतीय स्पिन आक्रमण का सामना करना सबसे कठिन चुनौती होगा। पाकिस्तान में जन्में ख्वाजा वीजा मिलने में विलंब के कारण टीम के बाद यहां पहुंचे हैं। वह डेविड वॉर्नर के साथ पारी का आगाज करेंगे। ख्वाजा ने भारत में सीमित ओवरों का क्रिकेट खेला है लेकिन अब उन्हें टेस्ट खेलने का मौका मिलेगा।
वह 2013 और 2017 की टेस्ट टीम का हिस्सा थे। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के वर्ष के टेस्ट क्रिकेटर चुने गए ख्वाजा पर ऑस्ट्रेलिया के प्रदर्शन का काफी दारोमदार होगा। ऑस्ट्रेलिया ने 2004-05 के बाद से भारत में टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। उन्होंने कहा, ‘अलग तरह का अहसास है। इस खेल में कोई गारंटी तो नहीं है लेकिन बल्लेबाजी और गेंदबाजी में अधिक परिपक्वता आई है।’
उन्होंने ‘सिडनी मॉर्निेंग हेराल्ड’ से कहा, ‘हमने पिछले दस साल में काफी कुछ सीखा है। खासकर किस तरह की विकेट मिलेगी और मुझे लगता है कि अब हम यहां टेस्ट जीत सकते हैं। अब हम पहले से बेहतर स्थिति में हैं लेकिन सीरीज बहुत कठिन होगी।’ ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट सीरीज से पहले अभ्यास मैच नहीं खेलने का फैसला किया। इसकी बजाय बेंगलुरु के निकट स्पिनरों की मददगार पिच पर अभ्यास करना बेहतर समझा। वे अश्विन को सबसे बड़े खतरे के रूप में देख रहे हैं और उसका सामना करने की तैयारी के लिए ‘डुप्लीकेट’ की मदद ले रहे हैं।
ख्वाजा ने कहा, ‘अश्विन तोप है। वह काफी हुनरमंद है और उसके पास विविधता भी है जिसका वह बखूबी इस्तेमाल करता है। उसका सामना करना चुनौतीपूर्ण होगा। विकेट तीसरे चौथे दिन टर्न लेगी और वह अधिकांश ओवर डालेगा। मुझे देखना होगा कि उसके सामने रन कैसे बना सकूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘अगर विकेट अच्छी हुई तो नई गेंद को खेलना सबसे आसान होगा लेकिन विकेट टूटने पर अगर स्पिनर नयी गेंद संभाल रहे हैं तो भारत में बल्लेबाजी करना सबसे मुश्किल हो जाता है।’